पूरा रेलवे स्टेशन सुनसान था जहाँ सिर्फ और सिर्फ सनाटा था। उसी समय तेज हवाएँ चलने लगी और ट्रेन के अन्दर बैठे सभी पैसेंजर डर की वजह से अपनी-अपनी खिड़कियाँ बंद कर लेते है ।
पूरा रेलवे स्टेशन सुनसान था जहाँ सिर्फ और सिर्फ सनाटा था। उसी समय तेज हवाएँ चलने लगी और ट्रेन के अन्दर बैठे सभी पैसेंजर डर की वजह से अपनी-अपनी खिड़कियाँ बंद कर लेते है ।