The Milky Way Galaxy के बारे में जाने कुछ मिथ

दोस्तों आपमें से कितने लोगों के दिमाग में यह ख्याल आता होगा कि यूनिवर्स infinite है और इसका कोई अंत नहीं हैं । हमारे यूनिवर्स के अंदर गैलेक्सी मौजूद है जिसे हम The Milky Way भी कहते हैं , इसके अंदर करीबन 200 बिलियन स्टार्स मौजूद है।

दोस्तों क्या आपको पता है कि इस यूनिवर्स में इसी तरीके के करीबन 2 ट्रिलियन गैलेक्सीज मौजूद है और इस यूनिवर्स को हम  finite नहीं मान सकते , यह infinite हैं ।
हम सभी के दिमाग में साइंटिस्ट ने एक मिथ डाल दिया हैं लेकिन फिर भी हम में से बहुत से लोगों को यह लगता हैं कि यूनिवर्स बहुत बड़ा हैं , उसका कोई अंत नहीं है । अगर आप रेडियस यानी सेंटर प्वाइंट से नाप कर देखे तो यह यूनिवर्स हर साइड से करीबन 47 बिलियन लाइट इयर्स दूर है और अगर Diameter से देखा जाए तो यह एक दूसरे से करीबन 94 बिलियन लाइट इअर्स दूर है ।

Black Hole के बारे में भी हमारी कुछ ऐसी मिथ है कि वो एक Giant Vacuum हैं जोकि Cosmic Tornado की तरह काम करता हैं। अगर हम धरती से टॉरनेडो को देखे तो किस तरीके से गाड़ियां, घर हवा में उड़ जाते है तो इसी तरीके से वो अपने Galactic Path के अंदर सभी प्लैनेट्स और स्टार्स को भी खींच लेता हैं । लेकिन Black Hole ऐसा नहीं है बल्कि सरवाइव करने के लिए सबको अपनी ओर खींचता हैं ।दरअसल जब कोई Massive Star Collapses हो रहा होता है तो वो बहुत ज्यादा dense होता चला जाता है जिसकी वजह से उसकी ग्रेविटी काफी ज्यादा increase होती चली जाती हैं और वो अपने Near by objects को अपनी ओर खींचने लगता है उसमें चाहे स्टार हो , मून हो या फिर कोई भी प्लैनेट हो उसको अपने अंदर खींच लेगा , उसकी ग्रेविटी उतनी ही ज्यादा पावरफुल होती है जितनी किसी मास की होती हैं ।

बहुत से लोगों को लगता है कि इस यूनिवर्स में Earth के जैसा प्लैनेट सिर्फ एक हैं लेकिन यह भी एक मिथ हैं । दरअसल Proxima Centauri B यह भी धरती के जैसा ही दिखता है और यह धरती पर रहने वाले लोगों के लायक भी है लेकिन यह 4 Light Years दूर है। अब आप कहोगे 4 Light Years दूर ही तो है , नासा के स्पेस क्राफ्ट से हम जा सकते हैं । लेकिन दोस्तों आज की जो टेक्नोलॉजी हैं स्पेस के अंदर ट्रैवल करने की वो Proxima Centauri B तक पहुंचने में करीबन 60,000 साल ले लेगी और इंसान की एवरेज उम्र मुश्किल से 60 साल ही बची हैं । अगर नासा किसी स्पेस क्राफ्ट को भेजते भी है तो वहां पहुंचने में  60,000 साल लग जाएंगे और वहां पहुंचने से  पहले ही एस्ट्रोनॉट की मर जायेगा ।

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Milky Way Galaxy के अंदर ही करीबन 6 बिलियन प्लैनेट ऐसे हैं जोकि अर्थ के जैसे ही दिखते हैं । हालांकि वहां तक पहुंचने में हमें कितना टाइम लगेगा वो एक अलग बात है ? इस यूनिवर्स के अंदर जहां पर Trillion of Galaxies मौजूद है तो अर्थ के जैसे दिखने वाले कितने प्लैनेट होंगे ।

अब कई लोगों के दिमाग में एक और मिथ आ रहा होगा कि मान लो अगर एक टाइम पर आकर हम लाइट की स्पीड को मैच भी कर लेंगे , हमारे पास जो टेक्नोलॉजी होगी वो लाइट की स्पीड से चलने वाली होगी जैसे _ Rap Speed , Hyperdrive और इसी तरह की कई सारी Futuristic Technologies जिसे हम Fictional movies के अंदर देखते हैं । लेकिन यही पर अगर Albert Einstein की Theory of Relativity की बात की जाए तो जैसे-जैसे किसी सब्जेक्ट की स्पीड बढ़ती जाती है वैसे- वैसे वो Mass gain करता चला जाता हैं यानी कि वो और भी ज्यादा हैवी होने लगता हैं तो अगर इसको देखा जाए तो सिर्फ 1 ग्राम वेट वाली चीज़ को ही हम स्पेस में लाइट की स्पीड से उड़ाना चाहें तो Infinite Energy लगेगी  ,और उसके लिए बॉटम लाइन यह है कि हम लाइट की स्पीड को कभी भी मैच नहीं कर पाएंगे।


यही पर एक और कॉमन मिथ हैं जिसके अंदर बताया जाता है कि स्पेस के अंदर बिलकुल भी आवाज़ नहीं आती है , वो एक वैक्यूम है जिसके अंदर अगर हम बात करने की कोशिश करते हैं तो आपकी आवाज बिल्कुल भी नहीं आएगी। यह बात बिलकुल सही है लेकिन नासा के रिसर्चर का मानना हैं कि यह डिपेंड करता है कि आप स्पेस में कहां पर हो क्योंकि साउंड को ट्रैवल करने के लिए कोई मीडियम चाहिए होता हैं । अगर आप भी desne एरिया में मौजूद है तो आपकी साउंड भी ट्रैवल करेगी  और यह डिपेंड करता है कि स्पेस में अगर कुछ पार्टिकल्स मौजूद है तो वहां पर आपकी आवाज़ ट्रैवल करेगी  ।

Perseus Cluster के वहां भी एक ब्लैकहोल है जोकि करीबन 250 मिलियन लाइट इयर्स दूर हैं इनसे लेकिन फिर भी उनको वहां से इरर र र र की आवाज सुनाई देती हैं । मान लेते है कि UFO sighting ने ऐसी कोई टेक्नोलॉजी बना दी जिससे हम Proxima Centauri B तक पहुंच जाएं लेकिन  जितना वक्त लग रहा है उसके अंदर फूड , फ्यूल , रेडिशन कैसे मैनेज करेंगे। अगर आज की टेक्नोलॉजी से ट्रैवल करते है तो Proxima Centauri B तक नहीं पहुंचा जा सकता क्योंकि हमें वहां पहुंचने में करीबन 60,000 साल में लग जायेंगे । साइंटिस्ट का भी कहना है कि कोई भी मिशन या एक्सपेरिमेंट को सक्सेसफुल तभी माना जाता है जब आप वहां से जिंदा लौटकर आते हो इसीलिए अभी हम Proxima Centauri B तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि हमारे पास ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं हैं ।

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