Self discipline kaise banaye 2022

सेल्फ-डिसिप्लिन (self discipline kaise banaye ) कैसे बने दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आत्म-अनुशासन ( self discipline) के बारे में। क्या है आत्म-अनुशासन ? कैसे हम खुद को अनुशासित कर सकते हैं ? हमारे जीवन में अनुशासन का इतना महत्व क्यों है? आत्म अनुशासन का अर्थ होता है स्वयं को अनुशासित रखना या फिर खुद को नियंत्रित रखना। जब हम जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं तो हमारे जीवन को एक नई दिशा मिलती है और हमारे लिए जीवन जीना आसान हो जाता , लेकिन अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने इतना भी आसान काम नहीं है क्योंकि जब हम खुद को अनुशासित करने लगते हैं तो सबसे पहले हमें अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना होता है , अपने कंफर्ट जोन ( comfort zone) से बाहर निकलना होता है और अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का डंटकर सामना भी करना होता है।

Self discipline kaise banaye
Self discipline kaise banaye


आत्म-अनुशासन से हम खुद को इस कदर मजबूत बना लेते हैं कि जीवन में आने वाले सुख और दुख हमें एक समान लगने लगते हैं। इससे हम अपने अंदर काफी सारी बदलाव ला सकते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ लोग दूसरों को बदलने में लगे होते हैं ,वह दूसरों को तब तक नहीं बदल सकते जब तक वह स्वयं को ना बदले ले। आत्म-अनुशासन ही हमारे जीवन में सफलता की कुंजी (key) है। इसी के माध्यम से हम जीवन में कामयाबी की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। आत्म-अनुशासन आधुनिक समय से नहीं बल्कि प्राचीन समय से चला रहा हैं ।आपने किताबों में भी पढ़ा होगा कि राजा- महाराजा भी अपनी संतानों को अनुशासित करने के लिए महल की सुख-सुविधाओं से दूर एक घने वन में भेज देते थे । घने वन में ऋषि मुनियों की कुटिया में रहकर वह उनसे जीवन का अमूल्य ज्ञान भी प्राप्त करते थे और साथ के साथ अनुशासन का पालन भी करते थे।

Self discipline kaise banaye
Self discipline kaise banaye

अनुशासन हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण अंग है ।स्वयं को अनुशासित करने के लिए सबसे पहले अपने दैनिक कार्यों की एक सूची बनाइए । जो काम आपको पसंद ना हो उसे सबसे पहले करें । कहते हैं कि किसी भी आदत को बदलने के लिए 21 दिनों तक उस काम को निरंतर रूप से करना चहिए 21 दिनों के बाद आपमें क्या-क्या बदलाव आते हैं आप खुद यह जानकर हैरान हो जाएंगे। आत्मा-अनुशासन हमें समय के बारे में बताता हैं कि समय हमारे लिए कितना कीमती है ?कहते हैं कहते हैं कि बाण से निकला हुआ तीर, मुंह से निकले हुए शब्द और बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता इसलिए दोस्तों समय की कदर करना सीखो क्योंकि जगत में समय महा बलवान।

स्वयं अनुशासित कैसे रहे

1. टाइम टेबल बनाइए

स्वयं को अनुशासित रखने के लिए यह एक बहुत अच्छा तरीका है। सबसे पहले अपने दैनिक कार्यों की सूची बनाइए और सभी कार्यों को अपने टाइम-टेबल पर करें । किसी काम में देरी ना करें । काम को समय पर करने की आदत डालें क्योंकि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। इस तरह से आप धीरे-धीरे अनुशासन का हिस्सा बनते जाएंगे और बाकी लोगों के लिए भी आप एक प्रेरणा बन जाएंगे।

2. चुनौतियों को स्वीकार करें

चुनौतियां हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और बिना चुनौतियों की कोई जिंदगी नहीं होती ।जब आप खुद को धीरे-धीरे अनुशासित करने लगेंगे तो आपके सामने बहुत सारी चुनौतियां आएंगी । आपको इन चुनौतियों को स्वीकार भी करना है और इनका डटकर सामना भी करना है। चुनौतियों का सामना करने से आपके अंदर आत्मविश्वास पैदा होगा जो किसी भी कार्यक्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है।

3. आरामदायक क्षेत्र (comfort zone) से बाहर निकले 

अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलिए क्योंकि कंफर्ट जोन हमें एक चारदीवारी में कैद करके रखता है। दुनियादारी में क्या चल रहा है हमे इसकी भनक तक नहीं लगने देता ।आप कभी भी अपने टाइम टेबल में कम्फर्ट जोन को शामिल मत कीजिए क्योंकि यही कम्फर्ट जोन आपके जीवन की सबसे बड़ी बाधा है जो आपके तरक्की की राह में रुकावटें पैदा कर सकती है। आपने जो भी टाइम टेबल बनाया है उसका सख्ती से पालन करें और अपने कार्य को समय से पूर्व खत्म करें।

4. लक्ष्य निर्धारित करें

अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करें क्योंकि जब आप अपनी मंजिल तय कर लेते हैं तो आपके जीवन को एक नई दिशा मिल जाती हैं। इसीलिए कोशिश करें कि आप समय से पूर्व अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर ले और उसी मार्ग का अनुसरण करे।

5. जीवन में जोखिम भरे कार्य करें

जिंदगी का दूसरा नाम ही चुनौतियां हैं ।आपके जीवन में किस मोड़ पर कौन सी चुनौती आपका बेसब्री से इंतजार कर रही है यह आपको भी पता नहीं चलेगा ।अगर आपको जीवन में सफल होना है तो इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा क्योंकि यहीं चुनौतियां आपको जीवन में एक सफल इंसान बना सकती है।

6. गुस्से पर नियंत्रण रखें

हमें अपने गुस्से पर भी काबू पाना चाहिए क्योंकि गुस्सा ऐसी चीज है जो बनते काम को भी बिगाड़ सकता है। हमें ऐसी कोई नकरात्मक बात नहीं सोचनी जिसकी वजह से हमें गुस्सा आए। जब आपको गुस्सा आए तो कोशिश करें कि आप किसी एकांत जगह में चले जाए क्योंकि गुस्से में बोले गए शब्द बहुत कड़वे होते हैं ।जब हमें अपनी गलती का एहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुका होता है इसलिए अपने गुस्से को भी नियंत्रित कीजिए।

7. अपने विकास पर ध्यान दें

जब हम स्वयं को अनुशासित करने लगते हैं तो धीरे-धीरे हमारा विकास भी होने लगता है ।हमारे अंदर ऐसे बहुत से गुणों का विकास होने लगेगा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की हो । साथ के साथ हमने यह भी देखना है कि हम जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं उसके अनुसार हमें फल मिल भी रहा है या नहीं।

8. नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें

हम अपने मन को तभी नियंत्रित कर सकते हैं जब हमारा शरीर हमारे नियंत्रण में हो ।हमें रोज सुबह उठकर योग, ध्यान और व्यायाम करना चाहिए ताकि हम अपने दिमाग और शरीर दोनों को तंदुरुस्त रख सके। हम स्वयं को तभी अनुशासित कर सकते हैं जब हमारा दिमाग और शरीर हमारे काबू में हो। इस तरह से हम कह सकते हैं कि योग और मेडिटेशन भी हमें अनुशासित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

निष्कर्ष ( conclusion)
इस तरह से हमने जाना कि आत्म-अनुशासन ( self- discipline ) क्या है? कैसे हम खुद को अनुशासित कर सकते हैं ?आत्मानुशासन हमारे दैनिक जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? आत्म अनुशासन के माध्यम से हम खुद को नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी मंजिल को पा सकते हैं। यही नहीं बल्कि सेल्फ डिसिप्लिन हमें भविष्य के लिए तैयार करता है और हमारे जीवन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करता हैं ।इससे हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है जो जीवन के हर क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । आत्म- अनुशासन से हमें समय के महत्व के बारे में पता चलता है कि हमारे जीवन में समय का इतना महत्व क्यों है ? यह हमारे अंदर काफी सारे गुणों का विकास करता है और हमें खुद से रूबरू करवाता है कि मैं कौन हूं ?और मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है ?इस तरह से हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाकर कामयाबी की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

Leave a Comment