Real Haunted Story आज हम आपको सुनाने जा रहे है चीन की एक ऐसी डरावनी कहानी के बारे में जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह कहानी एक डरावनी बस की जिसे आप बस नंबर 375 भी कह सकते हो । चलिए अब हम आगे बढ़ते है इस डरावनी कहानी की तरफ।
जरा सोचिए आप काली रात को एक सुनसान सी सड़क पर अकेले बस में सफर कर रहे हो तभी आपको पता चले आपके साथ बैठा हुआ शख्स कोई इंसान नहीं बल्कि एक प्रेत आत्मा है या फिर जिस बस में आप सफर कर रहे है वो भूतिया है। शायद आप इसे एक बुरा वहम मानकर भूला दे पर क्या होगा अगर यह सब सच निकले। । ऐसा ही एक वाक्या हुआ चीन के बीजिंग शहर में जिसे आज तक चीन के लोग भुला नहीं सके है। जहाँ पर एक बस चली थी अपने यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए लेकिन वह सभी लोग पहुंचे मृत्युलोक में। इसी घटना की वजह से चीन के लोग आज भी देर रात में बस में सफर करने से डरते है। यह पूरा मामला इतना पेचीदा था कि इसे समझने मे चीन की पुलिस और मीडिया आज तक विफल है। इसी वजह से इस घटना को बीजिंग की न्यूज वेबसाईट और मीडिया ने इसे ‘ The Midnight Bus of 375’ और ‘ The last bus to Fragrant Hills ‘ का नाम दे दिया | सात स्टेशन लंबा बस का यह सफर यांग मिंग हिल स्टेशन स्टेशन से चलकर शिलांग शान फ्रैग्रंट हिल स्टेशन तक करीब 16 किलोमीटर का होने वाला था। 14 Nov 1995 यानी आज से करीब 25 साल पहले इस सर्द रात में एक बूढ़ी औरत , नौजवान लड़का और एक कपल यांग मिंग हिल स्टेशन स्टेशन पर बस का इंतजार कर रहे थे कुछ देर इंतजार करने के बाद ठंड की उस रात में सुनसान सड़कों को कोहरे ने ढकना शुरू कर दिया था ।सनाटा धीरे-धीरे पैर पसारने लगा था वही दूसरी ओर शहर के जानवरों की आवाजे इस सन्नाटे को चीरने लगी थी चूँकि वहाँ कोई नहीं था तो वह लोग आपस में बात करने लगे।
ठीक 11 बजे उस स्टेशन पर आखिरी बस नजर आती है। उस बस में उस वक्त एक ड्राइवर और एक लेडी टिकट कलेक्टर के अलावा कोई नहीं था। बस स्टॉप पर रुकते ही वह सभी लोग बस में चढ़ जाते है। बस में अब छह लोग सफर कर रहे थे दो क्रू मेम्बर्स और चार पैसेंजर्स । सब कुछ सामान्य सा लग रहा था। रात का समय होने के कारण सड़कों पर खामोशी चारों तरफ फैली हुई थी। और सिर्फ बस के इंजन का शोर ही सुनाई दे रहा था । बस में बैठे यात्री बाहर के नजारों का लुफ्त उठाने लगते हैं पर कोहरे ने उनके इस मनसूबे को नाकामयाब कर रखा था।

बस कुछ देर तक चलती है तभी ड्रावर को सड़क के किनारे हाथ हिलाते हुए दो परछाई सी दिखती है। ड्राइवर पैसेंजर्स को बस में चढ़ाने के इरादे से बस को रोक देता है जब बस रुकी बस के पीछे के दरवाजे से जब वह दो लोग चढ़ने लगे तो अचानक से दिखता है कि वह दो नहीं बल्कि तीन है। वो दोनों व्यक्ति तीसरे शख्स को सहारा देकर बस में चढ़ाने लगते है। उन तीनो का मुंह नीचे की तरफ था और तीनों ने चाइनीज ट्रेडिशनल ड्रेस पहना हुआ था । ऐसा लग रहा था कि तीनों ने शराब पी रखी है और यह तीनों बस की आखिरी सीट में जाकर बैठ जाते है।
यह अजीब नजारा देखकर बस में बैठे बाकी यात्री घबरा जाते हैं। इस तरह से अब बस का माहौल काफी डरावना हो चुका था। जब बस अपने अगले स्टेशन पर पहुँची तो बस में बैठे कपल बस से उतर गए। बस में बैठी वह बूढ़ी औरत डर की वजह से आखरी सीट पर बैठे इन तीन व्यक्तियों को बार-बार पीछे मुड़कर देखती रहती है। कुछ ही समय बीता फिर वह बूढ़ी औरत अचानक से चिल्लाने लगी और कहने लगी कि इस लड़के ने मेरा पर्स चुरा लिया है जबकि वह लड़का साफ साफ मना कर रहा था कि उसने कोई चोरी नहीं की। वह बूढ़ी औरत लेडी कंडक्टर से कहती है कि मुझे और इस लड़के को अगले स्टेशन में उतार देना मैंने इसकी पुलिस कंप्लेंट करनी है।
अगले स्टेशन पर पहुंचते ही जब वह दोनों बस से उतरते है तो वह लड़का गुस्से में बोलता है कि मैंने कब आपका पर्स चुराया और कहाँ है यहां पुलिस स्टेशन? बूढ़ी औरत उसे शांत करवाती है और उसे कहती है कि तुमने मेरा कोई पर्स नहीं चुराया बल्कि तुम्हे इस स्टेशन पर उतारकर मैंने तुम्हारी जान बचाई है | वह लड़का हैरानी से पूछता है कि तुम्हें ऐसा क्यो लगता है ?वह औरत बताती है कि बस की आखिरी सीट में जो तीन व्यक्ति बैठे थे वो कोई इन्सान नहीं थे बल्कि भूत थे । यह सुनकर वह लड़का कहता है कि आप यह क्या कह रहे हो? शायद आपको कोई वहम हुआ है।
वह बूढ़ी औरत बताती है कि जब से वह तीनों बस में चढ़े थे मुझे काफी अजीब लग रहा था और उनके आने से बस का माहौल भी डरावना हो गया था। इसीलिए मैं बार-बार पीछे मुड़कर उनको देख रही थी लेकिन जैसे ही हवा का तेज झोंका आया तो मैंने देखा कि उन तीनों के तो पैर ही नहीं है । फिर वह तीनों बस में कैसे चढ़े? यह सुनकर वह लड़का हैरान हो जाता है और बड़ी मुश्किल से हिम्मत जुटाकर उस बूढ़ी औरत से पूछता है कि अब हमें क्या करना चाहिए? वह कहती है कि हमें पास के पुलिस स्टेशन में जाना चाहिए। वहाँ जाकर वह दोनों पुलिस को सारी बातें बताते है लेकिन पुलिस वाले उन दोनों को आश्वासन देकर घर भेज देते है। अगली सुबह न्यूज मे यह खबर आती है कि बस नंबर 375 अभी तक अपने गंतव्य स्टेशन तक नहीं पहुंची उसको तो रात को ही अपने स्टेशन पर पहुँच जाना चाहिए था ।

पुलिस वालो ने बड़ी छानबीन की और यह पता चला कि बस और बस के क्रू मेंबर्स दोनों बस समेत गायब है। न ही बस मिला और ना ही बस के क्रू मेंबर्स | जब छानबीन चली तो पता चला कि बस के गायब होने से एक दिन पहले इस बस की रिपोर्ट दर्ज हुई थीं। जब पुलिस उस बूढ़ी औरत और लड़के के पास पहुँचे तो पता चला कि अब वह दोनों अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है और एक हॉस्पिटल मे इनका इलाज चल रहा है। दो दिन के बाद बस नंबर 375 तालाब के अंदर तैरता हुआ मिला जिसके अंदर पांच लाशे थी ।जिसमें दो लाशे बस के क्रू मेम्बर्स की थी और तीन लाशें बुरी तरीके से खराब हो चुकी थी जिसको पहचान पाना बहुत ही मुश्किल था। इस घटना के बाद पूरे चाइना में यह बात फैल गई ।
आज भी लोग जानना चाहते हैं कि आखिरकार इस बस के साथ क्या हुआ था ?इन पाँच लोगों की मौत कैसे हुई ? बस में चढ़े वो तीन लोग कौन थे ? क्या पूरी बस भूतिया थी ? पुलिस ने काफी छानबीन की और काफी सारे सवाल है जिनका उत्तर मिलना बहुत मुश्किल है। पहला सवाल इस बस मे पाँच लोग थे जिसमे दो लोग पहचान में आ रहे थे जबकि बाकी तीन लाशें इतनी सड़ी हुई क्यों थी ।?दूसरा सवाल बस में इतना पेट्रोल था कि वह बस अपने गंतव्य स्थान तक ही जा सकती थी फिर यह बस अपने स्टेशन से 100 किलोमीटर दूर उस तालाब तक कैसे पहुंची ? तीसरा सवाल_ बस की पेट्रोल टैंक मे तेल नहीं था बल्कि पेट्रोल टैंक खून से भरा हुआ था । चौथा सवाल_ आखिर वह तीनों रहस्यमई लोग कौन थे? आज भी लोग इस खैफनाक घटना को सुनकर डर जाते है।