दोस्तों आज का हमारा विषय है Litening Skills excercise श्रवण कौशल क्या है? आज के समय से इसका इतना महत्व क्यों है? श्रवण कौशल का मतलब है कि हम किसी इंसान की बात को कितनी ध्यान से सुनते हैं। सुनने का मतलब यह नहीं कि आपने उस बात को सुना और फिर अनसुना कर दिया। सुनने का अर्थ है उस बात को समझना । सामने वाला इंसान जो भी बातें कह रहा है उसको हम सिर्फ सुन रहे हैं या समझने की कोशिश भी कर रहे है। आज के समय मे श्रवण कौशल का बहुत ज्यादा महत्व है।

क्योंकि जब तक हम सामने वाले की बातों पर ध्यान नहीं देते तब तक हम एक अच्छे श्रोता नहीं बन सकते है । आज के युवा पीढ़ी में श्रवण कौशल की बहुत ज्यादा कमी है। वह सुनने से ज्यादा उस काम को करना ज्यादा पसंद करते है। दोस्तों जब तक आप उस बात को अच्छे से सुन नहीं लेते और समझ नहीं लेते तब तक आप जीवन में सफल नही हो सकते । और ऊपर से हमारा मन इतना चंचल है कि वह बातों को ध्यान से सुनने भी नहीं देता । ज्यादातर लोग उसी बात को सुनना पसंद करते है जिस चीज में उनकी रूचि होती है। उस समय भले ही हमारे आस-पास बहुत ज्यादा शोर शराबा हो रहा हो फिर भी हमारा ध्यान सिर्फ उसी बात की तरफ रहता है क्योंकि उस चीज में हमारी रुचि होती है।
दोस्तों आज के समय में अगर आपने जीवन में सफल होना है तो सबसे पहले अपने मन को एकाग्र रखना होगा। हमारा मन बहुत ज्यादा चंचल होता है और अगर हमने समय रहते इसको नियंत्रित नही किया तो हमे जीवन में बार -बार असफलता का मुंह देखना पड़ सकता है। लेकिन जीवन में असफल होना बड़ी बात नहीं है क्योंकि असफलता भी हमे बहुत कुछ सिखाती लेकिन अगर हमने अपने श्रवण कौशल में सुधार नहीं किया तो यह हमें अपने लक्ष्य से भटका भी सकती है।

आज के भगमदौड़ भरी जिंदगी में लोग इतना ज्यादा व्यस्त रहते है कि शायद उनके पास किसी बात को अच्छे से सुनने और समझने तक का समय नहीं हैं । और हमारे आस पास का वातावरण भी ऐसा है कि हम किसी बात को सुनना और समझना नहीं चाहते।
Table of Contents
कैसे हम श्रवण कौशल में सुधार कर सकते हैं?
1. अपना पूरा ध्यान रूपीकर की बातों पर लगाए
दोस्तों अगर आप एक अच्छा श्रोता बनना चाहते हो तो अपना पूरा ध्यान सामने वाले की बातों पर लगाए । स्पीकर जो कह रहा है उसे ध्यान से सुनें और समझने की कोशिश करें। शुरुआत में थोड़ा सा मुश्किल लगेगा पर धीरे-धीरे आपको आदत पड़ जाएगी और कब आप एक अच्छे श्रोता बन जाओगे आपको खुद पता नहीं चलेगा।
2. आंखों से संपर्क बना कर रखे
जब सामने वाला बात कर रहा हो तो अपने आँखों का संपर्क बना कर रहे । जब हम आखों का संपर्क बनाकर रखते हैं तो यह हमारा ध्यान भटकने नहीं देता और सामने वाले की बात को ध्यान से सुनने और समझने में हमारी मदद करता है।
3. स्पीकर की बात को सुनते समय मन में कोई दूसरा विचार ना आए
ध्यान रहे जब भी आप स्पीकर की बात सुन रहे हो उस समय आपके दिमाग में दूसरा कोई विचार नहीं आना चाहिए क्योंकि जैसे ही हमारे दिमाग में दूसरा विचार आता है तो हमारा दिमाग स्पीकर की बातों से हटकर दूसरी बात में चला जाता है। और फिर से अपने दिमाग को स्पीकर की बातों में लगा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
4. स्पीकर से सवाल पूछे
स्पीकर की बात खत्म होने के बाद उससे प्रश्न करे | जब आप स्पीकर से प्रश्न करते हैं तो सामने वाले को भी पता चलता है कि आपने कितनी ध्यान से उसकी बातों को सुना और समझा है। स्पीकर को कभी भी बात करते समय बीच में प्रश्न करके रोक -टोक न करे क्योंकि एक तो इससे स्पीकर का माइंड अपनी बातों से भटक जाएगा और दूसरी बात ऐसे रोक-टोक करने से स्पीकर का अनादर माना जाता है। पहले स्पीकर की बात को खत्म होने दे उसके बाद आपके दिमाग में जो भी सवाल आए उसे स्पीकर के सामने रखें। कई बार ऐसा होता है कि हमने उस स्पीकर की बात को पहले कभी किसी समारोह में सुना हो ,आप उससे संबंधित सवाल पूछ कर भी स्पीकर को याद दिला सकते हैं।
5. स्पीकर की बातों को सुनने के साथ-साथ समझने की कोशिश भी करे
सुनने का मतलब यह नहीं है कि एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया। सुनने का सही अर्थ है स्पीकर की बातों को सुनने के साथ उनके मनोभाव को समझना और महत्वपूर्ण बातों को याद रखना । जब आप सुन रहे होते हो तो आपके कानों के साथ-साथ आपके दिमाग के दरवाजे भी खुले होने चाहिए।
6. चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान बनाए रखे
जब आप सामने वाले की बातों को सुनते हो तो अपने चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान बना कर रखे ताकि सामने वाले को यह पता चले कि आपकी बाते उसे समझ में आ रही है। साथ के साथ बीच-बीच में ” हाँ या ना ” में जवाब दें। अगर आप चेहरे पर मुस्कान बनाए रखते हो तो स्पीकर के अंदर एक हौसला बना रहता हैं।

निष्कर्ष
इस तरह से हमने जाना कि श्रवण कौशल क्या है? कैसे हम अपने श्रवण कौशल में सुधार कर सकते हैं। दोस्तों अगर आपको आज के समय में सफलता को हासिल करना है तो सबसे पहले आपको एक अच्छा श्रोता बनना होगा । जब तक आप एक अच्छे श्रोता नहीं बन जाते तब तक आप एक अच्छे स्पीकर भी नहीं बन सकते । जब तक आप लोगो को नहीं सुनोगे तब तक आपको कोई सुनना नहीं चाहेगा ।
सुनने का मतलब यह भी नहीं कि आपने सुना और कुछ देर बाद उस बात को भूल गए । सुनने का अर्थ है उस बात को सुनने के साथ-साथ समझने की कोशिश भी करना और उस बात को अपने दैनिक जीवन में भी लागू करना । जब आप किसी भी बात को ध्यान से सुनते है और समझते है तो आपके जीवन में तरक्की के राह खुल जाते है। आप जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हो । एक अच्छा श्रोता बनना इतना मुश्किल भी नहीं है बस आपको थोड़ी सी कोशिश करनी होगी। आपको सबसे पहले अपने इस चंचल मन को नियंत्रित करना होगा और अपने अंदर धैर्य बनाए रखना होगा। जब आप किसी को अच्छे से सुनते है तभी लोग भी आपको सुनना पसंद करते हैं।
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