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Airport में हवाई जहाज का किराया महंगा क्यों होता है ?
Airport पर हवाई जहाज का किराया महंगा होने के पीछे कई कारण हैं। Airlines आपको कभी नहीं बताएगी कि किराया इतना अधिक क्यों होता है। हमने निचे दिए गए 8 पॉइंट में explain किया हैं कि हवाई टिकट का किराया महंगा क्यों होता है।
1. विमान का Fuel
सबसे पहले विमान के Fuel की खपत अदिकतर लोगों को लगता है कि यह जादू से चलता है लेकिन वास्तव में, सच्चाई यह है कि वे Jet Fuel का उपयोग करते हैं और यह Flight Ticket के किराये में सबसे महंगे कारणों में से एक होता है
विभिन् प्रकार के विमानों को एक निश्चित मात्रा में Fuel की आवश्यकता होती है। यह जानकारी आपको Airlines Indigo, AirIndia, Vistara विमान के निर्माता की वेबसाइट पर आसानी से मिल सकती है, ताकि आपको पता चल सके कि विमान को कितना महंगा Fuel देना पड़ता है,
एक उदारण के लिए हम यहां 10 घंटे की उड़ान के लिए एक साधारण Calculation करते है जो की 70 Ton Fuel एक जंबो Jet लेता है। Fuel की लागत जो की होती है बयालीस हजार पांच सौ डॉलर (42500 $) के आसपास है और इसी लिए Flight Ticket के किराए पर असर पड़ता है। और यह महंगा होने का एक महत्पूर्ण कारण है।
2.यात्रियों का सामान & services charge

Airlines द्वारा Food, water, blanket, इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए बहुत सारे Services charges वसूल किए जाते हैं और यात्रियों के सामान को उतरना और लोड करना यह भी गिना जाता है।
Airlines की कॉल सेंटर और ग्राहक सेवा के लिए काम करने में बहुत पैसा खर्च होता है, और Takeoff safety चेक और इतियादी सभी में हवाई जहाज का किराया महंगा होने पर प्रभावशाली असर डालता है। और यह महंगा होने का एक महत्पूर्ण कारण है।
3. विमान की Service

विमान को इंजीनियर द्वारा नियमित रूप से चेक-अप (check up) और रखरखाव की आवश्यकता होती है और विमान में बीमा (insurance) और मामूली मरम्मत की आवश्यकता होती है, इसमें दैनिक दिनचर्या में पेंटिंग और रखरखाव शामिल होता है। इसलिए इसका Flight Ticket में कुछ प्रतिशत किराए पर असर डालता है।
4. Staff Salary
विमान में, Pilot, Cabin Crew, Ground Staff, और भिन प्रकार के विभाग जैसे इंजीनियर विभाग, सुरक्षा विभाग,(Security) और अन्य कर्मचारियों की तरह बहुत सारे Airlines कर्मचारी काम करते है , और कर्मचारियों को उनके कठिन परिश्रम के लिए Salary की आवश्यकता होती है। इसलिए यह Flight टिकट में कुछ प्रतिशत किराए पर असर डालता है।
5. Depreciation and leasing
उम्र बढ़ने और समय के कारण विमान की मूल्यह्रास (Depreciate) समय-समय पर होती रहती है। इसी लिए विमान की वैल्यू कम होती रहती है। और साथ के साथ ये सभी खर्च, Owner द्वारा कवर किया जाता है। (Depreciate) कुछ प्रतिशत विमान के किराए पर असर डालता है।
अगर किसी विमान को किराए (leasing)पर लिया जाता है तो उसे aviation leasing के रूप में भी जाना जाता है और जो विमान का उपयोग करता है तो किराए leasing शुल्क लिया जाता है और यह Flight के Ticket पर प्रभावित करता है।
6. पार्किंग Charges

Airport पर Airlines द्वारा विमान खड़ा करने के लिए Airport अथॉरिटी द्वारा पार्किंग चार्ज लिया जाता है। यह चार्ज भिनं एयरपोर्ट में अलग हो सकता है। पार्किंग Charges Airlines द्वारा देना विमान का टिकट पर प्रभाव डालता है।
7. विज्ञापन और प्रशासनिक Cost

आप आसानी से देख सकते हैं कि Airlines विज्ञापन पर कितना खर्च करती हैं और अपने प्रचार,(promotion) विज्ञापन पर खर्च करने के लिए Ticket का किराया पर प्रभाव आप आसानी से देख सकते है।
8. Navigation Cost

Air Navigation Cost और मौसम संबंधी (metrology) सहायता एयरोप्लेन का टिकट पर प्रभाव कर सकती है। आप यु कह सकते हो की एयरलाइन द्वारा यह सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए एहने कुछ पैसे चुकाना पड़ते है। और इसीलिए एयरलाइन Flight Ticket का किराये पर असर आसानी से देख सकते है।
ऊपर दिए गए 8 पॉइंट में मुख्य तौर पर हवाई जहाज का किराया महंगा होने के पीछे की बजह है। में आशा करता हु की आप जान पाए होंगे की एयरपोर्ट पर एयरोप्लेन का किराया क्यों महंगा होता है।
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