Dar ko kaise dur kare | डर को कैसे दूर करें 2022

डर को कैसे दूर करें (Dar ko kaise dur kare) दोस्तों हर इंसान में डर पाया जाता है चाहें वो किसी चीज को लेकर हो या फिर किसी बात को लेकर हो । अगर कोई कहता है कि वह किसी से नहीं डरता तो समझ जाइए कि वह झूठ बोल रहा है। डर एक ऐसी भावना है जो हर प्राणी में पाई जाती है।डर ही इंसान को जीवन में आगे बढ़ने से रोकती है।आज के समय में बहुत कम लोग होते हैं जो एक दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं वह लोग आगे बढ़ने की होड़ में एक दूसरे को पीछे छोड़ जाते हैं और आज के समय में किसी पर भरोसा करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। इस तरह से हमारे अंदर धीरे-धीरे डर पैदा होने लगता हैं और कभी-कभी तो हम छोटी-छोटी चीजों से भी घबराहट महसूस करने लगते है ।

Dar ko kaise dur kare
Dar ko kaise dur kare

कई लोगों के मन में हर चीज को लेकर डर होता है । दोस्तो डर एक बहुत ही सामान्य चीज है जो समय-समय पर सबको महसूस होता है। लेकिन जो लोग नहीं जानते कि इस डर पर कैसे काबू पाए ?वह लोग हमेशा इसी डर में घुट-घुटकर जीने लगते है।अब उनके लिए जिदंगी सिर्फ एक सजा की तरह होती है और उन लोगों का किसी भी काम में मन नहीं लगता और वह अपने जीवन में की जरूरी जिम्मेदारियों को भी सही से नहीं निभा पाते हैं।आप लोगों ने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी कि “जो डर गया वह मर गया”।

दोस्तों अगर आप डर-डर कर जीते रहोगे तो यह दुनिया आपको कभी भी आगे बढ़ने नहीं देगी और आप जीवन में कब पीछे रह जाओगे आपको खुद पता नहीं चलेगा। डर एक ऐसी चीज है जिसे आप अपने दिल-दिमाग में जितनी ज्यादा जगह दोगे उतनी ही कम पड़ जाएगी ।इसीलिए इसे अपने चारों तरफ जाल ना बनाने दे जिससे आप कभी बाहर ही ना निकल सको।

दोस्तो अलग-अलग परिस्थितियों में हमारे मन और शरीर की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती है जैसे ही हमारे दिमाग से शरीर को संकेत मिलता है कि हमारे साथ कुछ गलत हो सकता है तो शरीर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है। जैसे हाथ पैर कांपने लग जाते हैं ,सांस फूल जाती है ,हमारे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, और कभी-कभी चक्कर भी आने लगते है और हमारी मानसिक हालत भी कमजोर हो जाती है ।हमें ऐसा लगने लगता है जैसे हम इस डर से कभी बाहर नहीं निकल पायेंगे और ऐसी स्थिति से बचने के लिए हम भाग जाते हैं।इस समय हमारे अंदर जो भी होता है उसी भावना को डर कहते हैं।

डर को कैसे दूर करें ? (Dar ko kaise dur kare)

आइए अब हम जानते है कि कैसे हम अपने डर पर काबू पा सकते है?

1. मन में बैठे डर को कैसे दूर करें

अगर मन में हर वक्त अनहोनी को लेकर कोई शंका बनी रहती है या फिर मन में सालों से किसी भी बात को लेकर डर समाया हुआ होता है तो इसका कारण हमारे आसपास मौजूद नकारात्मक सोच हो सकती है। हमारे अंदर डर और घबराहट कई प्रकार से होते हैं जैसे कि हम कुछ खोने से डरते हैं, कुछ होने का डर, कुछ ना होने का डर, अपमान का डर, या कोई भी डर जो हमें अंदर ही अंदर कमजोर और असहाय बना देता है । हमें कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे कि ऐसा हो कि हमारा डर ही खत्म हो जाए।

2. हमारे अंदर डर कैसे पैदा होता है

डर की असली वजह है मुसीबतें जब भी हमारी जिन्दगी में जितनी ज्यादा परेशानी आती है उतना ही डर बढ़ता जाता है जैसे यह मान लो आप एक नौकरी करते हैं और आपसे कह दिया जाए कि आपने ठीक से काम नहीं किया है तो आपको नौकरी से निकाल दिया जाएगा तो आपके मन में डर पैदा हो जाता है । दोस्तों आप वहां पर काम तो करोगे लेकिन डर के साथ और इंसान डर में ही गलतियां सबसे ज्यादा करता है। कुछ लोगों को अपमान का डर लगा रहता है और किसी को कोई चीज खोने का डर रहता है ,अगर सही मायने में कहा जाए तो वह डर नहीं होता सिर्फ आपके मन का एक भ्रम है ।जैसे एक तालाब है जो बहुत गहरा है उसके पास जाने से लोग डरते क्योंकि लोगों को डर है कि कही उस तालाब में गिर ना जाए ।कुछ डर तो काल्पनिक होते है जो हमारे दिमाग में चलता रहता है।

3. घबराहट और डर पर काबू कैसे कर पाए

दोस्तों हमारे जीवन में डर दो चीजों से पैदा होती है , एक परेशानी से और दूसरा जब हमें किसी चीज से लगाव होता है।जब जीवन में समस्या आती है तब आप उस समस्या का हल नहीं ढूंढते जिस वजह से वह एक डर बन कर रह जाता है । और उस वक्त हमारे पास बस दो रास्ते होते हैं या तो हम डर के पीछे छोड़ जाए या उस समस्या को हल करके आगे बढ़े ।

इसी के साथ साथ हम बात करेंगे लगाव की। यदि हमें किसी भी चीज से लगाव होता है तो हम उस चीज़ को खोने से डरते है हमें जिस चीज से लगाव रहता है हम उस चीज के बारे में बहुत ज़्यादा सोचने लगते है। धीरे धीरे हमारे अंदर एक डर पैदा होने लगता है जैसा उसके टूट जाने का डर , उसके चोरी हो जाने का डर, उसके खो जाने का डर , या फिर उसके दूर चले जाने का डर रहता है। दोस्तों यह बात हमेशा याद रखिए कि इस दुनिया में कोई किसी का सगा नहीं होता। जिंदगी में लोग आते जाते हैं और चीजें भी आती जाती है और सुख दुख भी आते जाते रहते हैं फिर किसी से इतना लगाव क्यों? हम इस दुनिया में अकेले आए थे और अकेले ही जायेंगे तो किसी भी चीज़ से इतना लगाव अच्छा नही है।

4. डर को दूर करने के लिए मनपसंद काम को करें

आपके द्वारा किया गया एक मनपसंद काम आपके डर को काफी हद तक दूर कर सकता है। अगर आपको म्यूजिक सुनना पसंद है तो कोई अच्छा सा म्यूजिक सुनिए ,यदि आपको वीडियो बनाना पसंद है तो आप वीडियो बनाएं , यदि आपको गेम खेलना पसंद है तो आप कुछ समय गेम खेले।जब आपको किसी भी चीज़ का डर हो तो उस समय ऐसा कुछ कीजिए जो आपको बहुत पसंद है यकीन मानिए आप अपने डर को भूल जायेंगे।

निष्कर्ष
हमें कभी भी किसी भी समस्या से डरना नहीं चाहिए । अगर हम उस समस्या को अपने अंदर जगह देते है तो यह हमारे अंदर डर को पैदा करता हैं तो हम कभी भी उस Dar ko kaise dur kare डर से निकल नहीं पाएंगे। हमारे जिन्दगी में जब भी कोई समस्या आती है तो डर की जगह उस समस्या का हल ढूंढना चाहिए ।

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