(Chudail wali kahaniyan) चुड़ैल वाली कहानियां चंदनपुर से कुछ ही दूरी पर एक हवेली थी जो सदियों से सुनसान और खाली रहती थी। इस हवेली के बाहर एक बड़ा सा पीपल का पेड़ था, जिस पर एक झूला लटका रहता था। अक्सर रात के समय वह झूला अपने आप झूलने लगता था और आसपास का सारा इलाका शोर से गूंजने लगता था कभी हंसी का शोर तो कभी रोने का शोर । लोग इस हवेली के आस पास भटकने से भी डरा करते थे। एक रात की बात है रणबीर अपनी पत्नी शिखा और बेटी पिंकी के साथ कहीं जा रहा होता है उनकी कार कुछ ही दूरी तक चलती है और अचानक रुक जाती है,

Chudail wali kahaniyan
रणवीर गाड़ी शुरू करने की कोशिश करता है पर गाड़ी शुरू ही नहीं होती तभी शिखा का ध्यान हवेली पर जाता है वह रणवीर को अपने साथ उस हवेली में जाने के लिए कहती है। वह गाड़ी से उतर कर हवेली की ओर जाने लगे, रणबीर हवेली का दरवाजा खटखटाता तभी एक बूढ़ी औरत उसके हाथ में एक लाठी और एक हाथ में टॉर्च लेकर उनके सामने आई और कहने लगी कौन हो तुम? तभी रणवीर ने उस बूढ़ी औरत से कहा हमारी गाड़ी खराब हो गई है क्या हम आज रात यहां रुक सकते हैं? बूढ़ी औरत कहती है हवेली सदियों से बंद पड़ी है और सामान भी सारा टूटा हुआ है, शिखा कहती है कोई बात नहीं हमें आज रात ही गुजारनी है, तभी वह बूढ़ी औरत उन्हें हवेली के अंदर ले आती और कहती आज रात तुम लोग यही हॉल में सो जाओ । वह बूढ़ी औरत उनके लिए लालटेन लेकर आती है और उसे वहां रख देती है और वहां से चली जाती है। फिर वह दोनों बातें करने लगते हैं बातें करते करते वह सो जाते हैं
उन तीनों को गहरी नींद आ जाती है। शिखा की नींद आधी रात को खुलती है वह देखती कि उसकी बेटी पिंकी वहां नहीं थी वह पिंकी को आवाज लगाती है शिखा के चिल्लाने से रणबीर भी उठ जाता है वह शिखा को कहता क्या हुआ शिखा? तुम क्यों चिल्ला रही हो ?वह कहती कि यहां पर पिंकी नहीं है फिर वह दोनों लालटेन लेकर पिंकी को हवेली के अंदर ढूंढने लगते है । शिखा और रणबीर हवेली के हर कमरे में ढूंढते है उन्हें पिंकी कही भी नहीं मिलती , तभी रणबीर का ध्यान खिड़की के बाहर जाता है वह देखता है कि पिंकी झूले पर बैठी हुई होती है ।

रणबीर और शिखा दौड़कर हवेली के बाहर आते वह देखते की पिंकी किसी से बात कर रही होती है जब वह दोनों देखते तो वहां कोई नहीं था। सीखा और रणबीर जैसे ही पिंकी के पास पहुंचते है तो वह अचानक हवा में उड़ने लगी, रणवीर और शिखा की आंखों के सामने उनकी बेटी उड़ते हुए दूर जा रही होती है। वह दोनो पिंकी को पकड़ने की कोशिश करते हैं पिंकी अचानक पीपल के पेड़ के अंदर चली जाती है। वह दोनों रोने लगते हैं फिर अचानक उनकी बेटी पीपल के पेड़ पर झूला झूलते हुए दिखाई हुई देती है । रणबीर और शिखा पिंकी के पास जाते जैसे ही वह पिंकी को छूते तो पिंकी एकदम चुड़ैल में बदल गई ,चुड़ैल को देखकर सिखा और रणबीर डर गए और वो वहा से भागने लगे वह दोनों भागते भागते हवेली के अंदर चले जाते है।वह चुड़ैल भी उनके पीछे-पीछे हवेली के अंदर आ जाती है ।
वह चुड़ैल जैसे ही हवेली के अंदर कदम रखती है तो वह खंडहर हवेली से एक नई हवेली में बदल जाती है ।चुड़ैल रणवीर और शिखा को कहने लगी कि तुम दोनों को मुझसे कोई नहीं बचा सकता क्योंकि तुम दोनो में मेरी हवेली में आकर बहुत बड़ी गलती कर दी।फिर वह दोनों हवेली की सीढ़ियों पर चढ़ने लगे तो अचानक वह सीढ़ियां अपने आप नीचे की ओर आने लग जाती है। चुड़ैल उन दोनो को जमीन पर पटक देती है और जोर-जोर से हंसने लगती है देखते ही देखते वह एक से दो, दो से चार , बहुत सारी हो जाती है।

वह सारी चुड़ैल जोर जोर से हंसने लगते हैं तभी रणबीर और शिखा डर के मारे कांपने लग जाते हैं फिर एक चुड़ैल रणबीर पर हमला करती है फिर रणबीर उस चुड़ैल का हाथ पकड़ लेता है और शिखा को कहने लगता है कि तुम यहां से भाग जाओ, इतना कहकर वह फिर चुड़ैल के बाल पकड़ लेता है चुड़ैल को जैसे ही गुस्सा आता है वह जोर-जोर से रणवीर को दीवार पर पटकने लग जाती है ।रणबीर ने चुड़ैल के बालों को इतनी ताकत से पकड़ा हुआ होता है कि वह छुड़वा नहीं पा रही थी। वह रणबीर को कहती है मेरे बाल छोड़ दे पर रणबीर उसके बालों को और तेजी से पकड़ लेता है जब वह चुड़ैल रणबीर को यहां वहां पटकती है तो वह जमीन पर गिर जाता है जैसे ही रणबीर जमीन पर गिरता है तो उसके हाथ लालटेन लगती वह लालटेन के कांच को तोड़कर उस चुड़ैल के बालों पर आग लगा देता है जैसे ही चुड़ैल के बालों पर आग लगती है तो वह जलने लग जाती है और हवेली भी जलने लगती है रणबीर और शिखा हवेली से बाहर भागने की कोशिश करते हैं तो रणबीर का पैर किसी चीज में फस जाता है और वो सही से खड़ा भी नहीं हो पाता शिखा तेजी से बाहर भाग जाती है वह जैसे ही बाहर आती तो रोने लगती है थोड़ी देर में रणबीर भी बाहर आ जाता है ।

शिखा उसे देख कर खुश हो जाती है और उसके गले लग कर रोने लगती है और रणबीर से कहती है उस चुड़ैल ने हमारी बच्ची पिंकी को खा लिया।तभी पिंकी पीपल के पेड़ से दौड़ती हुई उनके पास आ रही होती है शिखा जैसे ही पिंकी को देखती है तो वह दौड़ते दौड़ते उसको गले से लगा लेती है और उसका माता चूमने लगती है।
वह कहने लगती है कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है,कि तुम बच गई तभी रणबीर पिंकी को कहता है तुम इतनी देर से कहा पर थी, पिंकी कहने लगती है वह पेड़ मुझे दबा रहा था और मेरी सांस फूलने लगी थी लेकिन फिर अचानक से उस पेड़ में आग जलने लग गई और मैं छूट गई। इस तरह से इस परिवार ने अपनी जान भी बचाई और भविष्य में यह घटना किसी के साथ ना हो इसीलिए उन चुडैलो का भी अंत कर दिया।
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