दोस्तों आज हम आपको सुनाने जा रहे है (Chudail ki kahani) दो चुड़ैल बहनों की कहानी। इस बार का हमारा विषय काफी अलग है ताकि इसको थोड़ा और दिलचस्प बनाया जा सके तो दोस्तों ध्यान से सुनिएगा क्योंकि हम आपको सुनाने जा रहे है चुड़ैल की कहानी।
Chudail ki kahani (चुड़ैल की कहानी)
एक रेलवे स्टेशन में दो चुड़ैल बहनें रहती थी जिसमें एक का नाम था अंकिता और दूसरी का नाम था आरती। रात के तीन बजे एक ट्रेन उसी रेलवे स्टेशन में आकर रुकी। पूरा रेलवे स्टेशन सुनसान था जहाँ सिर्फ और सिर्फ सनाटा था। उसी समय तेज हवाएँ चलने लगी और ट्रेन के अन्दर बैठे सभी पैसेंजर डर की वजह से अपनी-अपनी खिड़कियाँ बंद कर लेते है ।

किसी भी पैसेंजर में इतनी हिम्मत नही थी कि वो बाहर जाना तो दूर की बात है बल्कि बाहर देखने की भी हिम्मत करें।उसी ट्रेन में बैठी एक महिला अपने पति से पूछती है – ” सुनिए यह रेलवे स्टेशन इतना सुनसान क्यों हैं ? यह ट्रेन आगे क्यों नहीं बढ़ रही? यहां पर कोई बाहर क्यों नहीं जा रहा और इस स्टेशन में आने के बाद सबने अपनी अपनी खिड़कियां क्यों बंद कर दी?” उसकी बात सुनकर पास वाली सीट में बैठे एक बूढ़ा आदमी कहता है_शान्त हो जाओ। कुछ मत कहो अगर अपनी और हमारी जान की सलामती चाहती हो तो भगवान के लिए अभी चुप रहो वो दोनों चुड़ैल अभी बाहर ही घूम रही है। यह सुनकर वो औरत बहुत डर जाती हैं।
Chudail ki kahani
उसी ट्रेन के VIP वाले डब्बे में एक परिवार होता है जो नैनीताल जा रहा होता है लेकिन एक राघव नाम का लड़का खिड़की से बाहर देखता है और सोचता है कि मैंने पहली बार किसी स्टेशन को इतना सुनसान देखा है तभी वहां पर उसे दो औरते दिखाई देती है जो चाय बेच रही होती है। राघव उन औरतों को पास बुलाता है और चाय देने के लिए बोलता है। और जैसे ही राघव चाय लेने के लिए हाथ को आगे बढ़ाता है तो वो चाय वाली औरतें उसका हाथ पकड़ लेती है और देखते ही देखते एक भयानक चुड़ैल में बदल जाती है यह देखकर राघव बहुत घबरा जाता है। उसमें से एक चुड़ैल राघव के दोनों हाथों को काट देती है और दुसरी चुड़ैल उसकी मुंडी काटकर अपने बोरे में डाल लेती है।
राघव की चीख सुनकर ट्रेन के अंदर बैठे सारे पैसेंजर बहुत डर जाते है। राघव को मारने के बाद वह दोनों चुड़ैल जोर-जोर से चिल्लाते हुए कहती है हम किसी को नहीं छोड़ेगे सब के सब मरोगे। जब वो ट्रेन चलने लगती है तब जाकर वो बूढ़ा आदमी उन दोनों बहनों के बारे में उस औरत को बताने लगता है। यह दोनों बहनें सहारनपुर की रहने वाली है और सहारनपुर मे यह अपने माता-पिता के साथ रहती थी लेकिन अचानक से एक दिन इनके माता-पिता का देहान्त हो गया जिससे यह दोनों बहने अनाथ हो गई।
यह दोनों बहनें सहारनपुर से मुंबई जा रही थी अपने चाचा-चाची के घर लेकिन किसी ने इसी रेलवे स्टेशन में इनकी हत्या कर दी और आज तक यह एक रहस्य बना हुआ है कि किसने और क्यो इन दोनों बहनों की हत्या की ? और मैं भी इसी बात का रहस्य जानने के लिए शहर जा रहा हूँ ताकि पता लगा सकूं कि क्यों इन दोनों बहनें की भयानक तरीके से हत्या की गई है? वह बूढ़ा आदमी जब मुम्बई पहुंचा तो सबसे पहले उसके चाचा के घर गया ।वहाँ जाकर उसे पता चला कि कुछ महीने पहले ही उसके चाचा जी का हार्ट अटैक की वजह से देहान्त हो गया।

उस घर में अब सिर्फ और सिर्फ अंकिता और आरती की चाची थी जिसने यह बताया कि उनके पति मरने से पहले बहुत उदास रहते थे शायद उनको किसी बात की परेशानी थी जो वो मुझसे नहीं बता सकते थे और मरने से पहले मुझे उनकी जेब से यह एक चिट्ठी मिली शायद यह आपके काम आ जाए । जब वह बूढ़ा आदमी उस चिट्ठी को खोलता है तो उसमें एक पता होता है और वो उस चिट्ठी में लिखे गए पते पर जाता है जहाँ पर उसको एक बहुत ही जाना-माना और सिद्ध तांत्रिक मिलता है । वह बूढ़ा आदमी सारी बाते उस तांत्रिक को बताता है और पूछता है कि क्यों उन दोनों बहनों की हत्या की गई और अब कैसे उनको मुक्ति मिल सकती है?
Chudail ki kahani
तांत्रिक कहता है कि हाँ मुझे यह बात पता है कि अंकिता और आरती दोनो मरने के बाद चुड़ैल बन गई । बूढ़ा आदमी यह सुनकर हैरान हो जाता है और पूछता है आपको कैसे पता और आप उनके चाचा जी को कैसे जानते हो? तांत्रिक बताता है कि उनके चाचा रत्नलाल के मन में लालच आ जाता है अपने भैया-भाभी के मरने के बाद और अब गाँव की सारी जमीन-जायदाद को हड़पना चाहते थे लेकिन इसके बीच की सबसे बड़ी रुकावट थी अंकिता- आरती । लालच में आकर उनके चाचा जी ने उन दोनों बहनें की हत्या करवा दी। लेकिन वो दोनों बहनें मरने के बाद चुड़ैल बन गई और उस रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले हर इंसान को मारती थी। ऐसी बातें सुनकर उनके चाचा जी बहुत घबरा गए और हमेशा इस बात से उदास रहते थे। और एक दिन उनका अचानक से देहान्त हो गया। यह सारी बाते सुनकर वो बूढ़ा आदमी हैरान हो जाता है कि उन दोनों बहनों की मौत का कारण कोई और नहि बल्कि उनके सगे चाचा जी थे।
फिर वह बूढ़ा आदमी तांत्रिक से उन दोनों बहनों की मुक्ति का रास्ता पूछता है कि कैसे उन दोनों को मुक्ति मिल सकती है। तांत्रिक बताता है कि उन दोनो की तब तक मुक्ति नहीं मिल सकती जब तक वह स्वयं न चाहे । फिर वह तांत्रिक और बूढ़ा आदमी दोनों उसी रेलवे स्टेशन में जाते है जहाँ उन दोनों बहनों की आत्मा भटक रही होती है। तांत्रिक को देखकर वो दोनों बहने गुस्से से लाल हो जाती है और तांत्रिक को कहती है अगर अपनी सलामती चाहता है तो यहाँ से चला वरना तेरा भी वही हाल होगा जो बाकी लोगो के साथ होता है। तांत्रिक उन दोनों बहनों को उनके मृत्यु का रहस्य बताता है और उनके चाचा जी के आत्मा को बुलाता है जिससे उन्हें पता चल सके कि वह सच बोल रहा है। अपने चाचा जी की बाते सुनकर उन्हें बहुत दुख होता है और वो दोनों मुक्ति के लिए मान जाती है। इस तरह से उन दोनों बहनों को मुक्ति मिल जाती हैं।
अन्य पढ़े