चुड़ैल की कहानी एक गांव में रमेश नाम का लड़का था जो अपनी पत्नी के साथ रहता था । रात होते ही उसके घर में कुछ अजीब अजीब सी आवाजें आती थी रमेश की पत्नी रमेश को रात के समय जगा कर कहती थी कि बाहर से डरावनी आवाजें आ रही है ।रमेश अपनी पत्नी को कहता था क्या हुआ तुम क्यों इतना डर रही हो ?

उसकी पत्नी कहती है कि इस जमीन के अंदर से किसी के चीखने की आवाज आ रही है आप कुछ कीजिए मैं ऐसे डर के माहौल में नहीं रह सकती ।तभी रमेश कहता है ठीक है मैं सुबह होते ही जमीन को खुदवा दूंगा। तुम अब सो जाओ रात काफी हो गई है रमेश की बीवी डरते-डरते सारी रात गुजार देती है। अगले दिन सुबह होते ही रमेश गांव में जाकर किसी आदमी को कहता है कि भाई आप मेरे साथ चलो आपको हमारे घर पर जमीन को खुदाई करनी है तभी वह आदमी कहता मुझे उस जमीन को नहीं खोदना मैंने सुना है तुम्हारे घर की जमीन के नीचे चुड़ैलो का वास हैं अगर मैंने उस जमीन की खुदाई की तो वह चुड़ैल मेरा सर काट देगी ।
तभी रमेश उसे कहता है चल जा यहां से तुम तो डरपोक हो , मैं किसी भूत-प्रेत पर विश्वास नहीं करता तब रमेश घर की ओर चला जाता है। फिर रात होते ही डरावनी आवाज़ें फिर से आने लगती है तभी रमेश की पत्नी की नींद खुलती है वह रमेश को जगाती है और कहती है कि ये आवाज फिर से आने लग गई है। आज आपको कुछ ना कुछ करना ही होगा अगर आपने आज कुछ नहीं किया तो मैं अपने मायके चली जाऊंगी ।इतने में रमेश उठता है और कुल्हाड़ी लेकर जमीन को खोदेने लग जाता है, रमेश कुछ ही देर में एक गहरा गड्ढा खोद देता है।

तभी वहां से डरावनी आवाजे तेजी से आने लगती है और उस गड्ढे में से बदबू भी आने लग जाती है जैसे ही रमेश गड्ढे के अंदर जाकर देखता है तो उसे एक औरत की लाश मिलती है फिर वह उस लाश को गड्ढे से बाहर निकालता है ।तभी रमेश की पत्नी कहती है कि यह लाश किसकी है ? और हमारे घर पर कैसे आई? रमेश कहता है यह तो मुझे भी नहीं पता फिर रमेश की पत्नी कहती है कि कही यह आवाज़ इस लाश की वजह से तो नहीं आ रही थी।
रमेश कहता है मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा कि यह लाश कहा से आई तभी उसकी पत्नी कहती है हमें इस लाश से कपड़ा हटाना पड़ेगा कहीं यह हमारी जान पहचान का हो। रमेश कहता है तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है अगर वह चुड़ैल निकली फिर ।तभी उसकी पत्नी कहती है कि मैंने अपनी जिंदगी में आपसे ज्यादा डरपोक कोई नही देखा जो लाश से भी डर रहा है ।फिर रमेश की पत्नी उस लाश से कपड़ा हटाती है तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है वह देखती है कि वह एक चुड़ैल की लाश है रमेश की पत्नी डर के मारे चिल्लाती है और कहने लगती है मैं मर गई यह तो कोई चुड़ैल की लाश है कहीं हमने इस लाश को बाहर निकाल कर गलती तो नहीं कर दी मुझे बहुत डर लग रहा है।
फिर रमेश उस लाश को उठाकर वापस गड्ढे में रख देता है और कहता है हमें अब यहां नहीं रुकना चाहिए चलो यहां से जल्दी चलते हैं जैसे ही रमेश भागने लगता है वह चुड़ैल उसका पैर पकड़ लेती है रमेश जोर जोर से चिल्लाने लग जाता है और कहता है कि मैं मर गया कोई मुझे इस चुड़ैल से छुड़वाओ ।वह सोचता है कि मैं अब क्या करूं? कैसे अपना पैर छुड़वाऊ? फिर वह चुड़ैल से कहता है हे चुड़ैल जी मुझे छोड़ दो आप चाहो तो यह घर ले लो हम दोनों यह घर छोड़ कर चले जाएंगे आप ही इस घर की मालकिन हो बस आप मुझे छोड़ दो,तभी उस चुड़ैल की हंसने की आवाज आती है वह कहती है कि इतने सालों के बाद कोई इंसान मेरे हाथ आया है ऐसे कैसे छोड़ दूं। फिर वह चुड़ैल रमेश की टांग को खाती है तभी रमेश जोर से चिल्लाने लगता है कहता है यह चुड़ैल मुझे मार डालेगी मुझे बचाओ ।

वहीं दूसरी ओर रमेश की बीवी गांव की ओर भागती हुई जाती है वह गांव के कुछ लोगों से मदद मांगती है वह कहती है भाई साहब आप मेरी मदद करो मेरे पति को चुड़ैल ने पकड़ लिया है आप लोग जल्दी से मेरे साथ चलो फिर कुछ गांव वाले रमेश की पत्नी के साथ जाते हैं जैसे ही वह घर पहुंचते हैं तो वह खिड़की से झांक कर देखते हैं तो उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है गांव वाले कहते हैं अरे बहन यह चुड़ैल कहां से आई ?रमेश की पत्नी कहती है भाई साहब यह चुड़ैल बहुत सालों से हमारे घर के नीचे ही रह रही थी हमने जैसे ही घर की जमीन की खुदाई की तभी ये चुड़ैल खुदाई से बाहर निकल गई। रमेश कहता है कि तुम लोग बाहर खड़े होकर बातें ही करोगे कि मुझे इस चुड़ैल से बचाओगे यह चुड़ैल तो मेरी टांग छोड़ ही नहीं रही।
तभी गांव के लोग कहते है इस चुड़ैल ने तो रमेश भाई के पैर को काट खाया है अब यह भी भूत बन जायेंगे तभी दूसरा आदमी कहता है कि अरे भाई इस चुड़ैल से तुम्हारी टांग को काट लिया है अब तुम्हें अपनी जान बचाने के लिए अपनी टांग को काटना ही पड़ेगा, नहीं तो इसका जहर तुम्हारे पूरे शरीर में फैल जाएगा और तुम भी चुड़ैल के जैसे बन जाओगे। तभी रमेश जोर से चिल्लाता है वह चिलाते हुए कहने लगता है अरे मैं मर गया मैं अपनी टांग को नहीं काट सकता तभी वह दूसरा आदमी कहता है ठीक है भाई तुम भी इसकी तरह भूत बन जाओ है , रमेश की पत्नी कहती है अरे भाई साहब आप कैसी बातें कर रहे हो यह भूत बन गए तो मेरा क्या होगा? वह रमेश को कहती है आप अपनी टांग को काट कर खुद इस चुड़ैल की चंगुल से आजाद क्यों नहीं कर देते हो।

मैं एक लंगड़े के साथ जिंदगी बिता सकती हूं लेकिन भूत के साथ नहीं ।सभी गांव वाले कहते है कि अगर यह चुड़ैल इस घर से आजाद हो गई तो ये पूरे गांव वालों को खा जाएगी इसीलिए हमें इस घर को आग के हवाले करना ही होगा। रमेश कहता है अरे यह क्या बोल रहे हो इस चुड़ैल के साथ साथ मैं भी जल जाऊंगा तभी गांव वाले कहते हैं तुम्हारे पास एक ही रास्ता है तुम अपना पैर कटवा लो और जल्दी से चुड़ैल से अपना पीछा छुड़वा लो ,नहीं तो हम घर को आग के हवाले कर देंगे ।रमेश कुछ देर सोचने के बाद कहता है अब मैं क्या करूं तभी रमेश की पत्नी पड़ोसियों के घर से कुल्हाड़ी लाती है और रमेश का पैर काट देती है। इस तरह से रमेश को उस चुड़ैल की चुंगल से आजाद करा देती है। सभी गांव वाले उस घर को आग लगा देते हैं वह चुड़ैल उस आग में जल कर मर जाती है। इस तरह से उसे चुड़ैल का अंत हो जाता है।
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