चुड़ैल की कहानी चुड़ैल की कहानी एक गांव में एक चुड़ैल का साया था जो रात होते ही उस गांव में आती थी और सभी गांववालों के घर घर में जाकर दरवाजा खटाखटाती और जो कोई भी दरवाजा खोलता उसे उठाकर ले जाती थी। उसी गांव में विमला का परिवार भी रहता था जो अपने पति , और सास-ससुर के साथ रहती थी। विमला की सास विमला से बहुत चिड़ती थी उसे हर वक्त तंग करने का बहाना ढूंढती रहती थी जिसे देख विमला का पति और ससुर को बहुत बुरा लगता था।

चुड़ैल की कहानी चुड़ैल की कहानी
अगले दिन विमला की सास उसे कहती कि तुम अंधेरा होने से पहले यह सारे बर्तन जल्दी से धो दो वरना वो चुड़ैल यहां आ जाएगी।बिमला अपनी सास को कहती है जी माजी मैं रात होने से पहले सारा काम खत्म कर लूंगी फिर इतना कह कर उसकी सास चली जाती है। वह अपने पति से कहती कि तुमें पता चला है? कल वहां चुड़ैल कल्लू को उठाकर ले गई है उसका पति कहता हैहां मुझे सुबह ही पता चला है गांव वालों ने उसे बोला था कि अपने घर के आगे चुड़ैल कल आना लिखवाले लेकिन वह बोला मैं इन सब बातों पर विश्वास नहीं करता और मैं चुड़ैल से नहीं डरता और अब देखो उठाकर ले गई ना चुड़ैल उसको।उसकी पत्नी कहती है आप सही बोल रहे हो वह तो भगवान का शुक्र है कि हमने तो अपने घर के आगे चुड़ैल कल आना लिखा हुआ है। तभी उसका बेटा घर आता है उसका बेटा अपनी मां से कहता है
विमला अपने घर के बाहर अभी तक काम कर रही है उसे भी घर के अंदर बुला लो अंधेरा होने वाला है कहीं चुड़ैल ना आ जाए, उसकी मां उसे कहती है क्यों रे राजेश तुझे बड़ी फिक्र हो रही है अपनी बीवी की तू चुपचाप अपने कमरे मैं चला जा जब तक तेरी पत्नी बाहर का सारा काम निपटा लेगी तभी उसे घर में आने दूंगी, चल तू चुपचाप अपने कमरे में फिर रजेश उदास होकर अपने कमरे में चला जाता है। और फिर खिड़की से विमला को कहता है विमला अंधेरा होने वाला है कहीं चुड़ैल ना आ जाए। विमला कहती है लेकिन अभी मेरा काम खत्म नहीं हुआ है अगर मैं काम अधूरा छोड़ कर अंदर आऊंगी तो माजी को अच्छा नहीं लगेगा, रजेश कहता है तुझे ऐसे बाहर नहीं रहना चाहिए कहीं चुड़ैल ना आ जाए? फिर विमला घर के अंदर जाने लगती है उसकी सांस कहती है, अरे बहुरानी कहां खुश रही हो अभी तो इतने सारे बर्तन पड़े हैं वह कौन साफ़ करेगा? विमला कहती हैमाजी मैं सुबह जल्दी उठकर सारा काम निपटा दूंगी लेकिन अभी रात हो गई है मुझे घर के अंदर आने दो वरना चुड़ैल मुझे उठा कर ले जाएगी फिर उसकी सांस कहती है ठीक है तुझे एक ही शर्त पर घर के अंदर आने दूंगी मुझे सोने के कंगन पहनने का बहुत शौक है तो तू अपनी मां को बोल कर मुझे सोने के कंगन बनवा दे।

विमला कहती है माजी आप क्या कह रहे हो आपको तो पता है मेरे मां बाप ने लोगों से कर्जा लेकर मेरी शादी की है,आप मुझसे जितना चाहे काम करवा लो मैं उफ तक नहीं करूंगी लेकिन मेरे मां-बाप से कुछ मत मांगे। विमला की सास उसकी बाल पकड़ कर कहती है मुझे तो पहले से पता था तेरे मां-बाप की बसकी कुछ नहीं है उन्होंने अपनी बेटी के लिए किया क्या है ?यह कहकर विमला के सास गुस्से में अपने कमरे में चली जाती है। विमला का ससुर उसे कहता है_ बेटा अपनी लालची पत्नी की तरफ से मैं तुमसे माफी मांगता हूं उसे माफ कर दो ।
चुड़ैल की कहानी चुड़ैल की कहानी
विमला अपने ससुर को कहती है नहीं नहीं पिताजी आप माफी मत मांगिए इसमें आपका कोई दोश नहीं है, इतना कहकर वह अपने कमरे में चली जाती है फिर विमला का ससुर बाहर जाता है तो वहां लिखा होता है चुड़ैल कल आना वह उसे काट कर लिख देता है चुड़ैल आज आना, और जल्दी से घर के अंदर चला जाता है और अलमारी के पीछे छुप जाता है। फिर अंधेरा होने पर वह चुड़ैल अपने शिकार पर निकलती है वह चुड़ैल लोगों के घर जाती है तो वहां लिखा होता है चुड़ैल कल आना। चुड़ैल कहती है लगता है घर पर कोई नहीं है यहां कल आऊंगी फिर वह आगे बढ़ जाती है वह दूसरे घर में जाती है तो वहां लिखा होता है चुड़ैल आज आना फिर वह उस घर का दरवाजा खटखटाती है,
विमला का ससुर कहता है अरे लगता है वह चुड़ैल आ गई है यह तो सच में आ गई कहीं दरवाजा खोल के अंदर ना आ जाए। तभी विमला की सास बाहर आती है वह कहने लगती है इतनी रात को कौन आया है ,कहीं खेत में काम करने वाला बिरजू तो किराया देने नहीं आया है तभी वह दरवाजा खोलने जाती है। वह आवाज देती है अरे बिरजू रुक जा आज तो मजा आ गया रात में लक्ष्मी के दर्शन होंगे,जैसे ही वह दरवाजा खोलती है तब हक्की बक्की रह जाती है वह कहने लगती है अरे मर गई रे यह तो चुड़ैल है हे भगवान मुझे बचाओ वह अपने पति को आवाज देती है कहां हो तुम देखो तो चुड़ैल हमारे घर आ गई है ?
फिर अपनी बहू को कहती है विमला कहां है तू जल्दी बाहर आ? तभी चुड़ैल अपनी डरावनी हंसी हंसती है वह कहती है तुझे मुझसे कोई नहीं बचा सकता इतना बोल कर वह उसे उठाती है और आसमान में लेकर उड़ जाती है सब गांव वाले उस चुड़ैल को अपनी आंखों से देखते हैं पर किसी की हिम्मत नहीं होती छुड़वाने की कोई भी डर के मारे आगे नहीं आता और चुड़ैल उसे उठाकर अपने साथ ले जाती है। और फिर विमला का ससुर कहता है शुक्र है भगवान का इस लालची औरत से पीछा छूटा ।

तभी विमला बाहर आती है,और कहती है अरे पिताजी यह कैसी आवाज थी? और माजी कहां है ? विमला का ससुर कहता है उस लालची औरत को तो चुड़ैल उठाकर ले गई, आज से तुम्हारी सारी परेशानी का अंत हो गया, इतने में रमेश भी आ जाता है और अपने पिता से कहता है पिताजी हमने तो घर के बाहर लिखा था चुड़ैल कल आना तो फिर चुड़ैल हमारे घर कैसे आ गई तभी रमेश बाहर जाकर देखता है और कहता है यह किसी ने इसे काट कर लिखा है चुड़ैल आज आना लिखा है यह जरूर किसी गांव वाले की शरारत है। मैं अभी पता लगाता हूं इतने में रमेश के पिताजी उसे रोकते हैं और कहते हैं तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं यह सब मैंने ही किया है इस लालची औरत को सजा मिलनी ही चाहिए थी।
विमला कहती है नहीं पिता जी आपने ठीक नहीं किया आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था विमला का ससुर कहता है बेटा मुझसे रोज-रोज तुम्हारी हालत देखी नहीं जाती थी इसलिए मुझे लगा इस लालची औरत को सबक सिखाने का यही सही तरीका है । रमेश बोलता है अब क्या करें हम? मां को वापस कैसे लाएं ?इतनी रात जंगल में जाना खतरे से खाली नहीं होगा? अब सुबह तक होने का इंतजार करते हैं
विमला कहती है सुबह तक तो बहुत देर हो चुकी होगी हमें माजी को अभी ढूंढने जाना है रमेश कहता है अरे विमला तुम पागल तो नहीं हो गई हो क्या ? जो इतनी रात को घने जंगल में जाने की बात कर रही हो हमे सुबह होने का इंतजार करना ही होगा, विमला इतना सुनकर माजी को ढूंढने घने जंगल में चली जाती है । विमला जंगल में चुड़ैल की तलाश करने लगती है तभी उसे डरावनी आवाजें सुनाई देती है विमला बहुत डर जाती है तभी चुड़ैल कहती है यह कौन है जो खुद ही मरने को यहां आ गई, वह विमला को कहती है तेरी इतनी हिम्मत तू अकेले इतने घने जंगल में आ गई तुझे बिल्कुल भी डर नहीं लगा।
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विमला कहती है मेरी माजी को छोड़ दो बदले में मेरी जान ले लो विमला की बात सुनकर उसकी लालची सास कहती है अरे मैं तो इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करती थी और इसे कितना दुख पहुंचाती थी लेकिन यह तो मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान देने को तैयार है ।चुड़ैल कहती है अच्छा ऐसी बात है तो ठीक है मैं इसे आजाद कर देती हूं लेकिन बदले में तुझे अपने खून से मेरी प्यास बुझानी होगी विमला कहती है ठीक है मैं तैयार हूं बस आप माजी को यहां से जाने दो विमला की सास कहती है नहीं नहीं विमला ऐसी लालची औरत के लिए तुम अपनी जान मत दो मैं इसी के लायक हूं।

विमला कहती है नहीं-नहीं माजी तभी चुड़ैल कहती है जल्दी फैसला करो कौन मेरी प्यास बुझाएगा तभी राजेश अपने साथ गांव वालों को लेकर वहां पहुंच जाता है वह चुड़ैल कहती हैलगता है आज मेरी बरसों की सारी प्यास बुझ जाएगी आज इन गांववालो का खून पीकर मैं हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाऊंगी आज तो बस मजा आ जाएगा। वो चुड़ैल इतना कहती है कि गांववाले अपने साथ एक तांत्रिक को लेकर आते है जिसके हाथों में रूद्राक्ष की एक माला होती है । वह तांत्रिक कुछ मंत्रो का उच्चारण करके उस रूद्राक्ष को चुड़ैल के गले में डाल देता है जिसके बाद में वह चुड़ैल जोर जोर से चीखने लगती है और कहती है मैं किसी को नहीं छोडूंगी।फिर वह तांत्रिक उसके ऊपर गंगा जल डालता है जिसके बाद वह चुड़ैल जलकर भस्म हो जाती है । इस तरह से उस गांव में अब कोई चुड़ैल नहीं है और इन सबका श्रेय जाता है
विमला को जिसने अपनी सास को बचाने के लिए हिम्मत दिखाई और विमला की हिम्मत को देखकर गाववालों ने भी ठान ली थी कि आज कुछ भी हो जाए बस इस चुड़ैल का सामना करना ही करना है। गांव वाले विमला को कहते हैं हम सब तुम्हारी बहादुरी देखकर हैरान हो गए हैं ऐसा करने की हिम्मत किसी ने नहीं की भगवान सबको तुम्हारी जैसी बहू दे। विमला का ससुर अपनी पत्नी को कहता है देख लालची औरत तूने इसे दुख दिए हैं और इसने तेरी जान बचाई इतने में विमला के सास विमला से माफी मांगने लगती है और विमला कहती है अरे नहीं-नहीं माजी मैंने आपको माफ कर दिया, तब वह सब खुशी-खुशी अपने घर चले जाते हैं।
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