
अक्सर कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हम बहुत ज्यादा काम नहीं करते लेकिन फिर भी हम बहुत थका हुआ महसूस करते हैं। या कुछ ना करके भी हम मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं। इन सबका कारण सिर्फ एक है बहुत ज्यादा सोचना क्योंकि हम कई बार किसी चीज़ के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने लग जाते हैं भले ही हम शारीरिक रूप से कुछ ना भी करें लेकिन हमारा दिमाग तो चल रहा है। हम मानसिक रूप से तो कुछ ना कुछ सोच रहे हैं और उसे कार्य में ला रहे हैं इस वजह से हम कई बार अकेला महसूस करते हैं या तनाव से भी ग्रस्त हो जाते हैं। जरूरत से ज्यादा सोचना हमारे सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे बचने के लिए हमारे लिए आवश्यक है कि हम कभी अकेले ना रहे लोगों से मिले
अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उन विचारों को कितना महत्व देते हो। दोस्तों किसी चीज के बारे में सोचना अच्छी बात है लेकिन उसकी भी नहीं सीमा होता है जब वह उस सीमा को पार कर दे तो उसे सोचना नहीं बल्कि चिंता करना कहते है। जब विचार एक बार चिंता में बदल जाए तो वह हमारे लिए एक समस्या बन जाती है। धीरे धीरे हम मानसिक रोगों के शिकार होने लगते है और आपको पता ही है रोगी इंसान का जीवन कैसा होता है? उससे अच्छा यही है कि आप इतना ज्यादा मत सोचिए बल्कि अपने आज में जिए क्योंकि कल क्या हुआ था उसे हम चाह कर भी बदल नहीं सकते और कल क्या होना है यह हम जानते नहीं।
आप अपने विचारो पर किस तरह से काबू पा सकते हैं?
1.अकेले ना रहे बल्कि लोगों से मिलते रहे
यदि हम बाहर लोगों से मिलेंगे तो हम अपने बारे में जरूरत से ज्यादा नहीं सोचेंगे क्योंकि उस समय हम व्यस्त रहेंगे और हमारे पास इतना समय नहीं होगा कि हमारे मन में कोई जरूरत से ज्यादा विचार आए। कई बार क्या होता है कि हम जब अकेले होते हैं तो हम कुछ ना कुछ सोचते रहते हैं और अपनी सोच में इतने डूब जाते हैं कि हमें खुद पता नहीं चलता कि हम चाहते क्या है? जो चीज हमारे काम की नहीं है हम उसके बारे में भी सोचने लग जाते है इसलिए बेहतर होगा कि हम अपने आपको व्यस्त रखें लोगों से मिले ताकि हम अपने आप को खुश रख सके और मन में आने वाले विचारों पर काबू पा सके।
2.अपनी उपलब्धियों के बारे में विचार करना
हमें भविष्य में क्या-क्या करना है? इसके बारे में ना सोच कर हमने जो हमने अर्जित किया है अपने भूतकाल के बारे में सोचेंगे तो हो सकता है हमारे मन में जो निराशा है वह खत्म हो जाए और हमारे मन में अपने लिए जो दृष्टिकोण है वह बदल जाए। कई बार क्या होता है हम अपने भविष्य को लेकर इतना ज्यादा चिंतित हो जाते हैं कि हम बेवजह की विचारों में पड़ जाते है और जरूरी नहीं है जो हम भविष्य में पाना चाहते हैं वह हमें मिले। इस वजह से हमारे मन में जरूरत से ज्यादा विचार आने लग जाते हैं।यदि हमारे मन में कभी ऐसे विचार आते हैं तो हमने अभी तक जो जो हासिल किया है उसके बारे में सोचें तो धीरे-धीरे अपने विचारों पर काबू पा सकते हैं।
3.फिजिकल एक्टिविटी करें
यदि हम अपने आप को किसी तरह के दिनचर्या में व्यस्त रखते हैं तब भी हम जरूरत से ज्यादा सोचना छोड़ सकते हैं जैसे कि हम सुबह-सुबह साइकिलिंग कर सकते हैं या हम मॉर्निंग वॉक पर भी जा सकते हैं इससे क्या होगा कि आप अपने आपको दिनचर्या में व्यस्त रखेंगे और अपने आपको खुश रखेंगे। और कहीं ना कहीं अपने आपको हम किसी तरीके से बाहरी दुनिया में कनेक्ट कर पाएंगे। अक्सर विचार हमारे मन में तभी आते है जब हम खाली बैठे होते है लेकिन अब आप कोई फिजिकल एक्टिविटी करोगे तो आप अपनी चिंता को ही भूल जाओगे।
4. अपने आज में जिए
कई बार क्या होता है कि हम अपने आज में ना जी कर अपने भविष्य की चिंता करने लग जाते है या फिर हमने भूतकाल में जो भी गलतियां की हम उसके बारे में सोच सोच कर अपना समय बर्बाद करते रहते है क्योंकि ना तो हम अपना भविष्य बदल सकते हैं और ना ही अपना भूतकाल को। भूतकाल में हमने जो गलती की है उसे हम चाह कर भी कभी बदल नहीं सकते। इससे बेहतर होगा कि हम अपने आज में जीए जो हमारे पास इस वक्त है हम उसी में खुश रहना सीखें।
5. गलतियों को मानना सीखें
कई बार इंसान अपनी गलतियों को नहीं स्वीकार करता। वह बार बार उन गलतियों को मानने से इंकार कर देता है कि उसने नहीं किया है। इससे क्या होता है कि हम जरूरत से ज्यादा उन बातों के लिए विचार करने लग जाते कि हमने ऐसा क्यों नहीं किया।इसलिए बेहतर यही होगा कि वह अपनी गलतियों को माने और उससे कुछ नया सीखे? क्योंकि गलतियां हमें बहुत कुछ सिखाती है।
निष्कर्ष
इस तरह से हमने जाना कि हम कैसे अपने विचारों पर काबू पा सकते है? हम कुछ बातों की सहायता से जरूरत से ज्यादा सोचना छोड़ सकते हैं। हम अपने कार्यों में इन्हें शामिल करके इन पर अमल करके अपने आदतों में सुधार ला सकते हैं। क्योंकि विचार हर किसी के मन में आते है और इनको कंट्रोल करना मुश्किल है लेकिन हां हम इनको नजरंदाज करने की कोशिश जरूर कर सकते है। बेवजह की टेंशन लेकर कोई फायदा नहीं है कोशिश कीजिए कि आप खुल कर जिए।