पैरानॉर्मल दुनिया का रहस्य

 क्या आपको क सही में लगता है कि विज्ञान के आगे इस दुनिया में कुछ भी नहीं है तो ऐसा क्यों होता है ? कुछ लोग ऐसी चीजों का अनुभव करते हैं जो कि ज्यादातर लोग नहीं कर पाते हैं ? ऐसा क्यों हुआ है कि विज्ञान अभी तक ढूंढ नहीं पाया है कि जब किसी का जन्म होता है तब उसके अंदर जो पहली सोल या फिर पहला प्राण होता है वो कहां से जाता है? क्यों कुछ लोगों को ऐसा एक्सपीरियंस होता है जिसके चलते वो अपने पूरे लाइफटाइम से कमाए हुए घर को छोड़कर चले जाते हैं? क्यों पूरे विश्वभर में ऐसे हजारों वांटेड केसिस हुए हैं ?सच्चाई तो यही है कि यह दुनिया मिस्ट्री से भरी हुई है और इसको समझ पाना बहुत ही मुश्किल काम है लगभग नामुमकिन काम है आज हम कुछ ऐसे मिस्ट्री के बारे में बात करेंगे जो कि इस हॉरर फील्ड से रिलेटेड है।

Fact no. 1

न्यू मैक्सिको के कई रेजिडेंट ने पिछले कुछ सालों में ऐसी एक “लॉ फ्रीक्वेंसी हम्मम ” की आवाजों को सुना है जोकि पूरे शहर में सबको सुनाई देती है । दुनिया भर में कई जगहों पर ऐसी आवाज सुनाई देती है हम्मम…….. ऐसी लॉ फ्रीक्वेंसी साउंड की घटना दुनियाभर में बढ़ती जा रही है और दुनिया भर में किसी के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि यह क्यों होता है?

Fact no. 2

बिगफुट के बारे में आपने सुना ही होगा ।हम यह तो जानते हैं कि इस धरती पर इंसान रहते हैं और हजारों अलग-अलग टाइप के जीव जंतु भी रहते हैं लेकिन न जाने इस दुनिया में ऐसे कई जीव है जो शायद ही होते होंगे लेकिन उनके बारे में इंसानों को पता नहीं है जैसे मोतमैन बिगफुट। बिगफुट एक ऐसा जीव है जिसको सदियों से लोग देखते आ रहे हैं और जिसके पैर के निशान पाए जाना यह बिल्कुल आम बात है। डिस्कवरी चैनल और ऐसे कितने डॉक्यूमेंट्री फ्रेंचाइजेस है जिन्होनें इस बिगफूट पर कई डॉक्यूमेंट्री बनाई है पर ऐसे कई मामले सामने भी आए हैं जिसमें इन क्रिएचर्स ने इंसानों पर हमला भी किया है । 

Fact no. 3

 क्या साइंस यह एक्सप्लेन कर पाई है की सिक्स्थ सेंस आखिर काम कैसे करता है ? हमारा इनट्यूशन सिक्स्थ सेंस जिसे गट फीलिंग भी कहते हैं कुछ भी अच्छा या बुरा होने वाला होता है तो हमें पहले से ही फील होने लगता है। साइंस इसका जवाब यह देती है कि हमारे ब्रेन के अंदर जो नॉलेज है ,जो मौजूदा अनुभव ( existing experience) है उसके हिसाब से ब्रेन हमें यह बताता है कि यह चीज अच्छी होने वाली है या बुरी और इसी को हम गट फीलिंग (gut feeling)कहते हैं लेकिन गट फीलिंग इससे भी बढ़कर होता है ।क्यों ऐसा होता है कि परिवार का एक इंसान धरती के एक कोने में है और दूसरा इंसान धरती के दूसरे कोने में है और आपस में कई महीनों तक कम्युनिकेशन ना होने के बाद भी और इतने दूर होने के बाद भी फैमिली मेंबर को यह फील होने लगता है कि उसके साथ क्या हो रहा है ? ऐसे कई अजीब केसेस हुए हैं जिसमे इनट्यूशन को प्रूफ करना या इन पर स्टडी करना साइंस की बस की बात नहीं है। साइकोलॉजी ही इस इनट्यूशन वाली फीलिंग को एक्सप्लोर करता है और कई लोग तो ऐसे होते हैं जिनके पास जन्म से ही यह एबिलिटी होती है जिसकी वजह से यह लोग ज्यादा फील करते है। जैसे आप यह है मान लो कि किसी घर में वो गए है उस घर में थोड़ी सी भी नेगेटिव एनर्जी है तो उनको पता चल जाएगा लगभग सभी लोग जो अपने करियर को एक पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर की तरह चुनते है उनमें जन्म से ही ऐसी चीजों को फील करने की एबिलिटी होती हैं।इस दुनिया में ऐसे कई घर है जोकि बहुत सस्ते दामों में मिलते है पर उनको कोई लेना नहीं चाहता कारण यही है सेफ्टी। जो लोग ऐसे घर में जाते हैं और जो फील करते है उनके एक्सपीरियंस की बात करे तो फिर यहां एक टॉपिक निकलता है Mystery of Cold (Ref. ParaN) ठंड लगना और अचानक से ठंड महसूस होना यह एक ऐसी चीज है जो कि हर पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर एक स्ट्रेंज एनकाउंटर होने के पहले एक्सपीरियंस करता है।उनके हिसाब से जब भी कोई एनर्जी आपके सामने होती है तब आपको टेंपरेचर में कमी नजर आने लगती है और हम सबको यह पता है जब कोई मरता है तो उसके डेड बॉडी का टेंपरेचर भी कम हो जाता है आप अपने स्कीन को टच करके देख सकते हो वह आपको हीटेड फील होगा जैसे आप नेक में हमेशा एक हीट फील करोगे तो हीट जीवन को दर्शाता है और बॉडी में कोल्डनेस मृत्यु को दर्शाता है। कुछ घंटों के बाद डेड बॉडी पूरा ठंडा पड़ जाता है । पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर के अनुसार अगर बहुत गर्म रीजन है तो यह आमतौर पर एक साइन माना जाता है और अगर कोई पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर अपने टूल्स को लेकर किसी नए घर में एक्सप्लोर करने गया है और उसको ठंड फिल हो तो यह एक साइन माना जाता है कि कोई ना कोई एनर्जी आपके पास है।

Fact no. 4

The Placebo Effect उसे कहते हैं जिसमें आप कुछ भी सोचते हो तो वह होने लगता है जैसे Placebo sleep के बारे में मैंने आपको बताया था अगर किसी को पूरी नींद ना मिले फिर भी वह यह सोचने लगे कि हां मुझे वो चीज़ मिल गईं है तो उसके ब्रेन के केमिकलस बैलेंस हो जाते हैं ।क्या आपको पता है साइंटिस्ट को पूरी तरीके से नहीं पता कि पेरासिटामोल दवाई कैसे काम करता है ? कुछ लोग यह कहते हैं कि यह इन्फ्लेमेशन (inflammation) और दर्द पर असर करता है और कुछ यह कहते हैं कि यह ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में मौजूद न्यूरो ट्रांसलेशन में शामिल है ।यह एक ऐसी दवाई है जो बहुत कॉमन है और आप लोगों ने इसे अपनी लाइफ में एक न एक बार जरूर की यूज़ किया होगा लेकिन यह सुनने में अजीब लगता है कि साइंटिस्ट को नहीं पता कि यह एक्सेक्टली काम कैसा करता है?

 Fact no. 5

 इसका नीक नेम है डांसिंग फॉरेस्ट और असल नाम है कैलिनिनग्राद ( Kaliningrad ) ,उस जगह में ऐसे पेड़ मौजूद है जोकि टेढ़े मेढ़े हैं।1960 में किसी ने रहस्यमय तरीके से इसे प्लांट किया था और यह इकलौते ऐसे पेड़ की प्रजाति है जोकि बाकी पेड़ों से बिल्कुल अलग दिखाई देते हैं।

Fact no. 6

जिस तरह इंसानों के पास गूगल मैप है वैसे बर्ड् के पास नहीं है लेकिन फिर भी वह 10,000 किलोमीटर से ऊपर सफर करते हैं और माइग्रेट भी होते हैं वो भी बिना किसी गाइडेंस के। कुछ साइंटिस्ट यह कहते हैं कि वह मैग्नेटिक फील्ड को पढ़कर माइग्रेट करते हैं तो कुछ साइंटिस्ट अलग-अलग थियोरीज कहते हैं लेकिन किसी को नहीं पता यह एक्सेक्टली कैसे कर लेते हैं?

 Fact no. 7

साइंस बहुत ही डीप चीज है जो ऐसी चीजों को एक्सफ्लोर करती है जोकि बहुत अजीब होती है जैसे कि इस दुनिया को आप देख रहे हो क्या ऐसा संभव है कि आपका ब्रेन एक जार में रखा हुआ है और आपको बस मैनिपुलेट (manipulate) किया जा रहा जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि आप जो लाइफ जी रहे हो वह सिर्फ आपके विचार है।साइंस यह भी नहीं प्रूफ कर सकता है कि शायद यह दुनिया पांच मिनट पहले बना है और आपकी उम्र और फेक मेमोरिस आपके बस अभी आपके अंदर आई है जो कि आपको ऐसा फील करा रहे हैं कि इतने टाइम से आप यहां रह रहे हो इसीलिए हमारा रेशनल डिसीजन होता है जिस पर हम विश्वास करते हैं कि हां हमारी मेमोरिस वास्तविक है और यह वर्ल्ड रियल है परंतु इसे कोई असत्य साबित नहीं कर सकता ।आपके मन में यह विचार हैं कि हां मैं पिछले पंद्रह-बीस सालों से जी रहा हूं वह बस विचार है जोकि आपको फील करा रहा है।पर शायद इस यूनिवर्स की लेंथ एक सेकंड है और हर एक सेकंड नोवल सेकंड होता है और शायद टाइम मायने नहीं रखता है ।यह सब दिमाग चकराने वाली ऐसी चीजें हैं जिसके ऊपर विचार जरूर करना चाहिए।

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