
दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है तनाव के बारे में । तनाव क्या है ? कैसे हम तनाव और दबाव से छुटकारा पा सकते है ?आज की लाइफ में हर एक इंसान तनाव से ग्रस्त है किसी को नौकरी की टेंशन है, किसी को परिवार की टेंशन है, किसी को पढ़ाई की टेंशन है। अगर देखा जाए तो इंसान चारों तरफ से सिर्फ और सिर्फ तनाव से घिरा हुआ है। हम बहुत कोशिश करते है कि हमें किसी तरह का तनाव ना हो लेकिन ना चाहते हुए भी हम तनाव की चपेट में आ ही जाते है। कई बार तो हम अपनी छोटी-छोटी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए भी तनाव ले लेते हैं। जरूरत से ज्यादा तनाव भी हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है। एक बार अगर हम किसी बात को सोचने लग गए तो दिन रात हम उसी के बारे में सोच सोचकर तनाव लेने लगते है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
अब हम जानते है कैसे हम अपने तनाव और प्रेशर से छुटकारा पा सकते है
1. बेकार के ख्याल को दिमाग में ना आने दे
यदि घर पर भी कोई बेकार सामान पड़ा हो जो इस्तेमाल में ना हो तो हम उसे भी इकट्ठा नहीं होने देते क्योंकि इससे हमारा घर अस्त-व्यस्त और गंदा लगता है। उसी तरीके से हमारे दिमाग में भी बेवजह के ख्याल आते रहते हैं और इससे भी हमारे दिमाग को जंग लग सकता है इसलिए हमे अपने दिमाग में इस तरह के ख्यालों को नहीं आने देना चाहिए । बेकार की चीजों में पड़कर हमें अपना समय और शरीर को खराब नहीं करना चाहिए।
2. तनाव को अपने ऊपर हावी ना होने दे
कई बार क्या होता है कि हम इतने ज्यादा तनाव में होते है कि तनाव हम पर हावी होने लगता है और ऐसी कंडीशन में हम चाह कर भी उस तनाव से जल्दी बाहर निकल नहीं पाते। दोस्तों आप यही कोशिश करें कि कुछ भी हो जाए , स्थिति जैसी मर्जी हो लेकिन तनाव को खुद पर हावी होने नहीं देना है। हमे अपने दिमाग को यही समझाना है कि सब ठीक है इससे आपका आधा तनाव तो ऐसे ही खत्म हो जाएगा।
3. खुद से प्यार करें
तनाव को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय है खुद से प्यार करें। दोस्तों दुनिया में हर कोई दूसरों से प्यार करता है कभी मौका मिले तो खुद से प्यार करके देखे। यकीन मानो आपको जीवन में कभी तनाव नहीं होगा। लेकिन लोगों की यही समस्या है वो खुद से प्यार करना ही नहीं चाहते बल्कि दुनियां की मोह माया में इतने अंधे हो जाते है कि जब उनको अपनी मनचाही चीज नही मिलती तो वह तनाव लेने लगते है। कब वो तनाव एक बीमारी में बदल जाती है उन्हे पता भी नहीं चलता । जब भी हमारे पास समय हो कोई ऐसा कार्य करें जो हमें अच्छा लगता है इससे भी हमारा मन शांत रहता है।
4. समय-समय पर बाहर घूमने जाए
कई बार हम काम में इतने बिजी हो जाते है कि हमें समय का पता ही नही चलता । दोस्तों हर कार्य को करते हुए हमें ब्रेक लेने की जरुरत पड़ती है अगर कोई मशीन लगातार बिना रुके काम करती रही तो उसमे भी खराबी आ सकती है फिर हम तो इंसान है। हमें बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए। यदि हम किसी जॉब में भी होते हैं तो हमें बीच-बीच में ब्रेक मिलता रहता है तो फिर जिंदगी की रफ्तार में हम किस तरह से कंडीशन रख सकते हैं। हमें बीच-बीच में किसी न किसी तरह की परिवर्तन की आवश्यकता पड़ती है। इस तरह से हम तनाव से बच सकते हैं इसलिए समय-समय पर हमें थोड़ा सा समय निकाल कर किसी तरह की कोई आउटडोर गेम खेलना चाहिए । आप किसी हिल स्टेशन में घूमने जा सकते हैं जिससे कि हमारा माइंड फ्रेश हो सके।
5. अपने दिल की बात सुने
दोस्तों आज की लाइफ में लोग अपने जीवन में इतना ज्यादा व्यस्त है कि उनके पास खुद से बात करने का समय ही नहीं है। दोस्तों दूसरों को जानने और समझने से पहले आपको खुद को समझना होगा क्योंकि जब तक आप खुद को जान नहीं लेते तब तक आप दूसरों को भी समझ नहीं सकते। हमे कुछ समय निकाल कर खुद को जानना होगा कि हमे जीवन में क्या करना चाहते है ? हमे क्या पसंद है ? आजकल हम अपनी लाइफ में इतने ज्यादा बिजी है कि हमारे आस-पास क्या हो रहा है हमे पता ही नही चलता। इसीलिए सबसे पहले खुद के लिए समय निकालें और खुद से बातें करें हमारा तनाव कब दूर हो जाएगा हमे खुद पता नही चलेगा।
6. संगीत या नृत्य के जरिए तनाव को कैसे दूर करे
संगीत और नृत्य के जरिए भी हम अपने मन को शांत और खुश रख सकते हैं। आजकल तो संगीत एक साधना के रुप में भी प्रयोग में लाया जाता है । कई सारे संगीत ऐसे है जो मेडिटेशन का काम करते है क्योंकि संगीत के जरिए हम अपने मन को कम समय में जल्दी और बिना किसी थकावट के शांत कर सकते हैं और एक ताजगी भरा महसूस करा सकते हैं। नृत्य के जरिए आप अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं क्योंकि यह एक तरीके का व्यायाम भी है जो आपके शरीर और मन दोनों के लिए अच्छा है। पहले के समय में जब खेलकूद व्यायाम नहीं होता था तो लोक-नृत्य और संगीत के जरिए अपने मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखते थे और साथ में अपने आप को व्यस्त भी रखते थे। आजकल लोगों ने इसे एक अलग ही नाम दे दिया है।
7. दूसरों से तुलना ना करें
कई बार क्या होता है हम दूसरों से अपनी तुलना करते हैं और उनके साथ कॉम्पिटिशन करने लग जाते है और जब हम असफल होते है तो तनाव लेने लगते है। इस तरह से हम अपनी जिंदगी में तनाव को खुद बुलावा देते है। दोस्तों कभी भी आप अपनी तुलना दूसरों से ना करे क्योंकि कौन क्या करता है इससे आपको फर्क नहीं पड़ना चाहिए बल्कि आप क्या करते हो इससे आपको फर्क पड़ना चाहिए। अगर आप कॉम्पिटिशन करना ही चाहते है तो खुद से करे पहले आप क्या थे ?और अब आप क्या है? हर इंसान के कार्य करने की क्षमता अलग है और उस काम को करने का तरीका भी अलग है जैसे हाथ की पांचों उंगलियां एक समान नहीं होती उसी तरह से हर इंसान के काम करने का तरीका भी अलग अलग होता है। इसीलिए जिंदगी में अपनी तुलना किसी और से ना करें क्योंकि यह आपको तनाव के सिवाय कुछ और नहीं दे सकता ।
निष्कर्ष
दोस्तों इस तरह से हमने जाना कि तनाव क्या है ? तनाव के क्या कारण है ? कैसे हम तनाव से छुटकारा पा सकते है? दोस्तों अगर लाइफ में आपको कोई टेंशन नहीं चाहिए तो खुद को एक नई दिशा दे और अपना एक टारगेट बना ले कि मैंने इस काम को समय से पूर्व करना है ।कभी भी अपनी तुलना दूसरों से ना करे