एलोन मस्क ने पराग अग्रवाल को कम्पनी से फायर क्यों किया ?

दोस्तों हम सभी के दिमाग में एक सवाल घूम रहा होगा कि एलोन मस्क ने ट्विटर को खरीदते ही सबसे पहले ट्विटर के टॉप एग्जिक्यूटिव और CEO पराग अग्रवाल को कम्पनी से क्यों निकाला ? आपने अक्सर देखा होगा कि जब कोई व्यक्ति किसी कम्पनी को खरीदता है तो सबसे पहले वह उस कम्पनी के सभी एम्प्लॉय को थोड़ा टाइम देता और देखता है कि कम्पनी में क्या चेंजेस होने चाहिए लेकिन यहां पर एलोन मस्क ने ट्विटर को खरीदते ही सबसे पहले पराग अग्रवाल को निकाला । यहां पर सभी के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि क्यों पराग अग्रवाल के लिए इतनी ज्यादा नाराज़गी थी ? क्यों टॉप एग्जिक्यूटिव को कम्पनी से निकाला गया ?

टॉप एग्जिक्यूटिव और पराग अग्रवाल को कम्पनी से निकालने के बाद कम्पनी में कोई चेंजेस नहीं किया लेकिन कई लोगों के दिमाग में यही सवाल होगा कि नया सीईओ कौन बनेगा ? हालांकि सीईओ एलोन मस्क ही होंगे और इसी के साथ-साथ इन्होंने एक चीफ को भी हायर किया है जो पहले किसी और सोशल मीडिया प्लेटोफॉर्म को चलाता था अब वह ट्विटर को चलाएगा । ट्विटर के इन्वेस्टर्स का कहना है कि पराग अग्रवाल मिसलीड कर रहे थे एलोन मस्क को जिसकी वजह से उसको कंपनी से निकालने में एक सेकेंड का समय भी नहीं लगा।

दरअसल एलोन मस्क काफी टाइम से ट्विटर को खरीदना चाहते थे इसीलिए सबसे पहले उन्होंने एक ट्विट किया कि फ्रीडम ऑफ स्पीच को बनाए रखने के लिए क्या मुझे ट्विटर को खरीदना चाहिए ? यहां पर बहुत से लोगों के रिप्लाई आने शुरू हो गए कि इन्हें ट्विटर को जरूर खरीदना चाहिए । अब एलोन मस्क ने 3.7 बिलियन यूएस डॉलर इन्वेस्ट करके ट्विटर के करीबन 9.2% स्टैक खरीद लिए और इस तरह से यह ट्विटर के लार्जेट शेयर होल्डर बन चुके थे । एलोन मस्क को लगता था कि अब ट्विटर पर मेरी मनमानी चल सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब एलोन मस्क को लगने लगा कि मेरे 3.7 बिलियन यूएस डॉलर वेस्ट हो गए । अब एलोन मस्क ने डिसाइड किया कि वह ट्विटर को खरीदेंगे तो सबसे पहले इन्होंने ट्विटर के 9.2% स्टेक के लिए 3.7 बिलियन यूएस डॉलर खर्च किए थे और अब कंपनी की वैल्यूएशन करीबन 40 बिलियन यूएस डॉलर होनी चाहिए थी । अब इनको करीबन 90% कंपनी ही buy करनी थी तो इनको करीबन 30 बिलियन यूएस डॉलर देने थे लेकिन उतने में ट्विटर सेल आउट होने को तैयार नहीं था। फिर एलोन मस्क ने 44 बिलियन यूएस डॉलर का ऑफर दिया लेकिन इतने में भी बात नहीं बनी इसके बाद 48 बिलियन यूएस डॉलर और आखिर में जब इन्होंने 54 बिलियन यूएस डॉलर का ऑफर दिया तो ट्विटर के इन्वेस्टर्स को यह डील काफी अच्छी लगी और वह ट्विटर को सेल करने के लिए तैयार हो गए ।

लेकिन इस बार एलोन मस्क ने इस डील के लिए मना कर दिया क्योंकि अब उन्हें लगने लगा था मैंने जल्दबाजी में कुछ ज्यादा ही प्राइज बोल दिया और अब एलोन मस्क ने कहा कि ट्विटर के ऊपर काफी सारे बॉट्स अकाउंट्स और फेक अकाउंट्स है तो मुझे उसकी एक रिपोर्ट चाहिए उसके बाद ही मैं डिसाइड करूंगा कि ट्विटर को कितने में खरीदना है? इसके बाद शुरू हुई एलोन मस्क और पराग अग्रवाल की ट्विटर फाइट । यही पर अगर देखा जाए तो पराग अग्रवाल ट्विटर के सीइओ थे तो वह अपनी कम्पनी की रेप्यूटेशन को बचाने की कोशिश जरूर करेंगे क्योंकि उस वक्त एलोन मस्क की वजह से ट्विटर बहुत ज्यादा डाउन में जा रहा था कि यहां पर 25% बोट्स अकाउंटस हैं , फेक अकाउंट्स है और कई सारे यूजर्स एक्टिव नहीं है तो इस तरीके की बातें चल रही थी । अब ऐसी सिचुएशन में पराग अग्रवाल चुप नहीं रह सकते थे तो उन्होंने ट्विटर की रेप्यूटेशन को बचाने के लिए एलोन मस्क को भी बहुत कुछ कह दिया लेकिन उन्हें नहीं पता था कि आने वाले वक्त में एलोन मस्क ही ट्विटर को खरीद लेंगे ।

अगर देखा जाए तो पराग अग्रवाल अपनी कंपनी को बदनाम होने से रोक रहे थे और यही इनकी सबसे बड़ी मिस्टेक थी । लेकिन पराग अग्रवाल ट्विटर को बचाने के लिए जितनी भी चीज़ें कर रहे थे वो सारी चीज़ें वहां पर उलटी पड़ गई क्योंकि एलोन मस्क की बात बिल्कुल सही थी। जी हाँ, ट्विटर के ऊपर बहुत सारे बॉट्स अकाउंट है, फेक अकाउंट्स हैं । एलोन मस्क और ट्विटर की डील की बात कोर्ट तक जा चुकी थी तो अगर एलोन मस्क इस डील को ना करते तो उन्हें ट्विटर को 1 बिलियन यूएस डॉलर का फाइन देना पड़ता तो इस डील को 44 बिलियन यूएस डॉलर में फाइनल किया गया ।

ट्विटर या फिर किसी इंटरव्यू के अंदर जो लोग एलोन मस्क के बारे में मिसलीड कर रहें थे या फिर उनसे बहसबाजी कर रहे थे उन सभी को एलोन मस्क ने निकाल दिया। हालांकि अभी बहुत से एम्प्लॉय घबराए हुए है कि शायद अगली बार हमे निकाला जाएगा लेकिन अभी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि एलोन मस्क ने अभी कम्पनी को लेकर क्या चेंजेस करना है कुछ डिसाइड नहीं किया ।लेकिन यहां पर पराग अग्रवाल को कम्पनी से निकालने का एक सिंपल सा रीज़न यही था कि वो मिसलीड कर रहे थे कि ट्विटर पर कोई बोट्स अकाउंटस और फेक अकाउंट नहीं है और एक गलत रिपोर्ट भी दे रहे थे । इसी के साथ-साथ वह ट्विटर पर एलोन मस्क से भीं बहसबाजी कर रहे थे लेकिन पराग अग्रवाल ने ट्विटर को बदनाम होने से बचाने की बहुत कोशिश करी लेकिन वह फेल हो गए । यहां पर पराग अग्रवाल की गलती थी या नहीं वो आप लोग डिसाइड कीजिए क्योंकि एक तरह से देखा जाए तो वह अपनी जगह सही भी थे । वह ट्विटर के सीईओ थे तो यह उनकी जिम्मेदारी थी कि कम्पनी की रिप्यूटेशन को कोई खराब ना कर सके । हालांकि कंपनी की कई सारी नेगेटिव बातें थी जिसे लोगों से छुपाया जा रहा था और पहले कम्पनी ने भी साफ-साफ मना कर दिया था कि वह किसी भी कीमत पर नहीं बिकेगी लेकिन 54 बिलियन यूएस डॉलर पर बिकने के लिए तैयार हो गई।

यही पर अगर एलोन मस्क यह कम्पनी नहीं भी लेते तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उन्होंने कम्पनी की रेप्यूटेशन को यह कहकर डाउन कर दिया था कि ट्विटर पर बहुत सारे बोट्स अकाउंटस और फेक अकाउंटस है तो मैं इसे नहीं खरीद रहा । यहां पर हर तरफ से सिर्फ एलोन मस्क को बेनिफिट था लेकिन एलोन मस्क के सामने एक सिचुएशन ऐसी भी आई थी अगर वो ट्विटर को नहीं खरीदते तो उन्हें ट्विटर को 1 बिलियन यूएस डॉलर का फाइन देता पड़ेगा और इसमें भी पराग अग्रवाल का हाथ था तो फाइनली एलोन मस्क ने 44 बिलियन यूएस डॉलर में ट्विटर की इस डील को फाइनल किया ।और ट्विटर को खरीदते ही सबसे पहले पराग अग्रवाल और टॉप एग्जिक्यूटिव को कंपनी से बाहर किया ।

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