अपने विचारों को कैसे नियंत्रण में लाएं

अपने विचारों को कैसे नियंत्रण में लाएं(How to Control your Thoughts)

दोस्तों सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि विचार क्या है? विचार कैसे काम करता है? विचार कोई कार्य नहीं है यह तो हमारे मन में उत्पन्न होने वाला अंतरआत्मा का ख्याल हैं जो खुद ब खुद उत्पन्न होते रहते हैं। अक्सर हम किसी चीज के बारे में यह सोचते हैं कि हम इस चीज के बारे में नहीं सोचेंगे तो ना चाहते हुए भी हम उसी चीज़ के बारे में ही सोच रहे होते हैं।आवश्यक यह है कि जो विचार हमारे मन में चल रहे है क्या वह सही है ? क्या यह विचार किसी की भलाई के लिए है या फिर किसी गलत कार्य के लिए है? अक्सर हम दूसरों की खुशियों से जलते हैं और अपनी खुशी में दूसरों को शामिल करना तो दूर की बात है बल्कि अपनी खुशी से दूसरों को जलाने की कोशिश करते हैं। हम अपने जीवन का ज्यादतर समय यह सोचने में बर्बाद कर देते हैं कि हम कैसे आगे बढ़े और किस तरीके से दूसरे को नीचा दिखाए? ऐसा करके कहीं ना कहीं हम अपना समय और स्वास्थ्य दोनों को खराब कर रहे होते हैं क्योंकि इन्हीं विचारों से ही तो हमारे जीवन का आधार है।कहते हैं ना जैसा मन वैसा तन। बहुत समय पहले की बात है एक इंसान एक सन्यासी के पास गया और उसने उस सन्यासी से कहा कि_ गुरु जी आप मुझे कोई ऐसा मंत्र सिखाएं जिससे मैं अपने विचारों को नियंत्रण कर सकूं। सन्यासी ने कहा_ ठीक है मैं तुम्हें ऐसा मंत्र बताता हूं जिससे तुम अपने मन को एकाग्र कर पाओगे पर उससे पहले तुम्हें एक काम करना होगा जिस समय तुम इस मंत्र का जाप करोगे तुम्हें किसी बंदर के बारे में नहीं सोचना होगा। उस इंसान ने कहा _ठीक है महाराज ऐसा ही होगा आज तक मैंने कभी भी किसी बंदर के बारे में नहीं सोचा तो अब मैं उसके बारे में क्यों सोचूंगा और ऐसा कहते ही वह ना चाहते हुए भी उसी बंदर के ख्यालों में खोया रहा ।और घर जाते-जाते भी सारा दिन इसी के बारे में सोचता रहा कि मैं बंदर के बारे में नहीं सोचना और रात भर वह उन्हीं विचारों की वजह से सो भी नहीं सका। कहते हैं ना जिस चीज से हम दूर भागते हैं वह चीज हमारे उतना ही करीब आती हैं।

विचारों पर काबू पाना कोई मुश्किल कार्य नहीं है हम निम्न कुछ तरीकों से उन पर काबू पा सकते हैं।

1. योग व साधना के जरिए

हम अपने विचारों को योग के जरिए भी एकाग्रता प्रदान कर सकते हैं उसे शांत रख सकते हैं इससे क्या होगा कि हमारे मन में किसी भी तरह के कोई विचार नहीं आएंगे जैसे कि कोई भी गलत विचार क्योंकि योग के जरिए हमारा मन हमारे नियंत्रण में होगा। योग के जरिए हम अपने शरीर के अंदर एक अनोखी शक्ति को महसूस करेंगे जो हमें हमारे विचारों से लड़ने में हमारी मदद करते है और हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।

2. किसी कार्य में अपने आप को व्यस्त करके

बड़े बुजुर्ग कह गए हैं खाली दिमाग शैतान का घर। यदि हम सारा दिन खाली बैठे रहेंगे तो इससे क्या होगा कि हमारे दिमाग में कहीं ना कहीं अनगिनत खयाल आते रहेंगे चाहे वह अच्छे हैं या बुरे हैं पर आएंगे जरूर। इसलिए बेहतर होगा कि हम अपने मन को किसी कार्य में व्यस्त रखे। आजकल तो एक से बढ़कर एक कक्षा शुरू हो चुके हैं हम कुछ सीख सकते है। हम आने वाले समय में अपने आप को कुछ बेहतर बना सकते हैं जो हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने में हमारी मदद करेंगे। इससे हमारा समय का सदुपयोग भी हो जाएगा और हम अपने आप को किसी अच्छे कार्य में व्यस्त कर पाएंगे ना कि किसी दूसरे की बुराई करने में। दूसरे को गिराने से बेहतर है कि हम खुद को ऊपर उठाएं और कुछ सीखकर खुद को बेहतर बनाएं।

3. व्यायाम या किसी खेलकूद में भाग लेकर

हम अपने आप को व्यायाम के जरिए भी व्यस्त रख सकते हैं इससे क्या होगा कि हम अपने आप को बेहतर बनाने में लग जाएंगे हम चाहे तो किसी तरह के खेलकूद जैसे कि फुटबॉल ,वॉलीबॉल या टेनिस इत्यादि में व्यस्त रख सकते हैं इससे हमारा मन भी प्रसन्न रहेगा और हम अपने आप को व्यस्त भी रख पाएंगे।और किसी तरह के विचार भी हमारे मन में नहीं आएंगे चाहे वह विचार सही है या गलत। हम अपना बहुत सा समय नष्ट होने से बचा पाएंगे और हमारा मनोबल भी बढ़ेगा। व्यायाम करने से दिनभर हमारा दिमाग और मन दोनों शांत और स्वस्थ रहेंगे।

4. अपने किसी मित्र से बात करके

हम चाहें तो अपने किसी घनिष्ठ मित्र से बात करके भी अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने विचारों को उस मित्र के साथ शेयर कर सकते हैं। इससे क्या होगा कि हमारा मन भी हल्का हो जाएगा और कहीं ना कहीं हमारा मित्र भी हमें उन विचारों से बाहर निकालने में हमारी मदद करेगा क्योंकि विचार तभी आते हैं जब हम किसी तरह की परेशानी या दुविधा में होते हैं लेकिन अगर हमने अपने विचारों को अपने किसी मित्र से शेयर करे तो वह हमें उस दुविधा से बाहर निकालने में हमारी मदद कर सकता है।

5. खुद से बातें करे

कई बार क्या होता है कि हम अपने विचारों को अपने मन में ही रखते हैं इससे हम उस चीज़ के बारे में और दुगुनी तेजी से सोचने लग जाते हैं इसलिए अगर हम अपने विचारों को जोर-जोर से बोलकर व्यक्त करेंगे तो वह हमारे मन के बाहर निकल जाएंगे। विचार क्या है एक तरीके का इमोशंस है , जब किसी से बात नहीं कर पाते हैं या किसी के सामने अपने इमोशंस नहीं रख पाते हैं तो वह विचारों का रूप लेकर हमारे मन में रह जाते हैं। फिर हम उनके बारे में बार-बार सोचते रहते हैं लेकिन अगर हम किसी के सामने या फिर अपने आप अकेले में खुद से बोल-बोलकर इन विचारों को व्यक्त करेंगे तो यह हमारे मन से बाहर निकल जाएंगे और दुबारा नहीं आएंगे। ऐसा करने में हमें किसी तरह की घबराहट भी नहीं होगी क्योंकि हम स्वयं से बात करके अपने इमोशंस को व्यक्त कर रहे हैं।

निष्कर्ष
इस तरह से हमने जाना कि विचार क्या है? कैसे हम अपने विचारों को कंट्रोल कर सकते है? हमारे विचारों का इतना महत्व क्यों है? दोस्तों हमारे विचार ही हमारे भविष्य को निर्धारित करते है ।कोई भी बात बोलने से पहले थोड़ा सोच समझकर बोलना चाहिए क्योंकि यही विचार हमारा हित और अहित निर्धारित करते हैं। हम चाहे तो किसी के लिए अच्छा भी सोच सकते हैं और अगर चाहे तो बुरा भी सोच सकते हैं अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कैसा सोचते है? इस दुनियां में अनेकों लोग है कोई किसी को नही जानता लेकिन हां किसी इंसान की सोच उसे इस दुनिया में अमर जरूर कर सकती है क्योंकि यहां इंसान से ज्यादा उसकी सोच की वैल्यू है।

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